उमरिया। बांधवगढ़ के दो बाघों को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया जा रहा है. दोनों बाघ जन्म के बाद मां के छोड़ देने से अनाथ हो गए थे, जिसके बाद पार्क प्रबंधन ने बाघों का पालन पोषण किया. मानव स्वभाव के आदी हो जाने से जंगल में छोड़ने की बजाय बाघों को वन विहार भोपाल भेजने का फैसला लिया गया.
बांधवगढ़ के बहेरहा इनक्लोजर में इन दो अनाथ बाघों की तरह ही अलग-अलग वजह से 9 बाघों को बाड़े में रखा गया था, जिन्हें आजाद करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने हरी झंडी दी है, लिहाजा योजनाबद्ध तरीके से बाघ शिफ्ट किए जाएंगे. हाल ही में दो बाघों की पहली खेप सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे जाने के बाद दूसरी खेप वन बिहार भोपाल भेजी गई है. इसके बाद एक और अनाथ बाघ सतपुड़ा भेजा जाना है, जबकि दो बाघ नौरादेही भेजे जाने के लिए प्रस्तावित हैं.
गौरतलब है कि, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के प्रजनन और सरंक्षण के लिए दुनिया का सबसे बेहतर हैबिटेट मौजूद है. यहां के बाघ वंशजों से मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य टाइगर रिजर्व बाघों से गुलजार हो रहे हैं. बांधवगढ़ से अब तक संजय टाइगर रिजर्व, पन्ना, सतपुड़ा, वन विहार भोपाल, नौरादेही अभ्यारण और उड़ीसा के सतकोशिया अभ्यारण में दर्जनों बाघ शिफ्ट किए जा चुके हैं.