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ग्रामीण क्षेत्रों में दूरी अब नहीं बनेगी बाधा, पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगी परिवहन व्यवस्था

शिक्षा सुलभ करने के लिए घर से विद्यालय तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत परिवहन व्यवस्था शुरू होगी.

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शुरू होगी परिवहन व्यवस्था
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Published : Mar 3, 2021, 4:30 PM IST

उमरिया। शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल के पहले बजट में 'पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया' की तर्ज पर शिक्षा व्यवस्था पर खास फोकस रखा गया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा की पहली सीढ़ी है. प्रदेश के विद्यालयों में सर्व सुविधा युक्त अधोसंरचना हों और पर्याप्त दक्ष शिक्षक हों, ऐसी सरकार की कोशिश हैं.


पायलट प्रोजेक्ट के तहत चालू की जा रही सुविधा
ग्रामीण अंचल से हायर सेकेंडरी विद्यालय की दूरी अधिक होने के कारण छात्र-छात्राओं पर इसका व्यापक असर पड़ता है. छात्र तो किसी कदर पढ़ लिख जाते है, लेकिन बेटियों की शिक्षा में यह दूरी बाधा बन जाती है. बेटियों की पढ़ाई बीच में ही अवरुद्ध हो जाती है.

प्रदेश की शिवराज सरकार हालिया बजट में अनुसूचित जनजाति कल्याण पर खासा फोकस कर रही है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा कि मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है. जनजाति वर्ग को शिक्षा से जोड़ने पर सरकार फोकस कर रही है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए घर से स्कूल पहुंच सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तहत चालू की जा रही है.

नहीं हैं परिवहन व्यवस्था

एमपी बजट: ईटीवी भारत से बोले भिंड के व्यापारी, कोई राहत नही मिली

विद्यार्थियों के लिए कक्षा 9वीं और 12वीं की शिक्षा सुलभ करने के उद्देश्य से उनके घर से विद्यालय तक परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जा रही है. आगामी शिक्षण सत्र में इसे 5 जिलों के आदिवासी बाहुल्य जनपदों में प्रारंभ करने की योजना है, जिसमे उमरिया की पाली जनपद को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है.

पाली जनपद की बच्चियां 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय कर विद्यालय पहुंचती है, जहां रास्ते में जानवरों का भय बना रहता है. रास्ते में बड़े-बड़े वाहनों से दुर्घटना का डर भी बना रहता है. वहीं अविभावकों का कहना है कि बच्चियां जब विद्यालय के लिए निकलती है, तो चिंता बनी रहती है. अगर शासन इस योजना को लागू करती है, तो बेटियां सुरक्षित घर से विद्यालय का सफर तय करेगी.

उमरिया। शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल के पहले बजट में 'पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया' की तर्ज पर शिक्षा व्यवस्था पर खास फोकस रखा गया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा की पहली सीढ़ी है. प्रदेश के विद्यालयों में सर्व सुविधा युक्त अधोसंरचना हों और पर्याप्त दक्ष शिक्षक हों, ऐसी सरकार की कोशिश हैं.


पायलट प्रोजेक्ट के तहत चालू की जा रही सुविधा
ग्रामीण अंचल से हायर सेकेंडरी विद्यालय की दूरी अधिक होने के कारण छात्र-छात्राओं पर इसका व्यापक असर पड़ता है. छात्र तो किसी कदर पढ़ लिख जाते है, लेकिन बेटियों की शिक्षा में यह दूरी बाधा बन जाती है. बेटियों की पढ़ाई बीच में ही अवरुद्ध हो जाती है.

प्रदेश की शिवराज सरकार हालिया बजट में अनुसूचित जनजाति कल्याण पर खासा फोकस कर रही है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा कि मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है. जनजाति वर्ग को शिक्षा से जोड़ने पर सरकार फोकस कर रही है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए घर से स्कूल पहुंच सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तहत चालू की जा रही है.

नहीं हैं परिवहन व्यवस्था

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विद्यार्थियों के लिए कक्षा 9वीं और 12वीं की शिक्षा सुलभ करने के उद्देश्य से उनके घर से विद्यालय तक परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जा रही है. आगामी शिक्षण सत्र में इसे 5 जिलों के आदिवासी बाहुल्य जनपदों में प्रारंभ करने की योजना है, जिसमे उमरिया की पाली जनपद को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है.

पाली जनपद की बच्चियां 4 से 5 किलोमीटर का सफर तय कर विद्यालय पहुंचती है, जहां रास्ते में जानवरों का भय बना रहता है. रास्ते में बड़े-बड़े वाहनों से दुर्घटना का डर भी बना रहता है. वहीं अविभावकों का कहना है कि बच्चियां जब विद्यालय के लिए निकलती है, तो चिंता बनी रहती है. अगर शासन इस योजना को लागू करती है, तो बेटियां सुरक्षित घर से विद्यालय का सफर तय करेगी.

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