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घर वापसी के बाद बाघिन 'सुंदरी' सीख रही खुले जंगल में रहने के तौर-तरीके - कान्हा टाइगर रिजर्व

बांधवगढ़ से उड़ीसा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजी गई बाघिन सुंदरी अब कान्हा के इंक्लोजर में जंगल में रहने के तौर-तरीके सीख रही है, जिसके बाद उसे जंगल में खुला छोड़ा जाएगा.

Tigress Sundari
'सुंदरी' की सुंदरता
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Published : Mar 27, 2021, 2:00 PM IST

उमरिया। बांधवगढ़ से उड़ीसा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजी गई बाघिन सुंदरी अब कान्हा टाइगर रिजर्व में रहने के तौर-तरीके सीख रही है. सुंदरी को कान्हा के मुक्की गेट के पास घोरेला के इंक्लोजर में रखा गया है, जहां उसे नए सिरे से जंगल में रहना सिखाया जाएगा. यह बाघिन पिछले दो सालों से सतकोशिया टाइगर रिजर्व में बाड़े के अंदर थी, जिसकी वजह से इसका खुले जंगल से संम्पक पूरी तरह से टूट गया था. खुले जंगल में कैसे रहा जाता है, यह इस बाघिन को सिखाने के लिए अलग-अलग चरणों में उसे अलग-अलग तरह के शिकार भेजे जाएंगे और फिर जब वह पूरी तरह से अभ्यस्त हो जाएगी, तब उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.

वर्ष 2018 में भेजा गया था सतकोशिया टाइगर रिजर्व

उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018 में बांधवगढ़ से बाघिन सुंदरी को सतकोसिया भेजा गया था, सतकोशिया में कुछ अवांछित घटनाओं के पश्चात बाघिन को क्षेत्रीय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत गत दो वर्ष से बाड़े में रखा गया था. भारत सरकार बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा उपरांत कार्यक्रम को स्थगित करते हुए स्थानांतरित बाघिन को मध्यप्रदेश को वापस करने के निर्देश जारी किये थे, इस संबंध में एक याचिका क्रमांक 10912 को म.प्र. उद्यान्यायालय में प्रस्तुत की गई थी.

पुन: वन्यजीवन का दिया जा रहा प्रशिक्षण

उद्यान्यायालय के आदेशानुसार दिनांक 04.11.2020 के द्वारा बाघिन को कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला में वन्य जीवन पुनः प्रशिक्षित करने के लिए निर्देशित किया था. मप्र शासन द्वारा इसकी अनुमति प्राप्त होने पर कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला में बाघिन के स्थानांतरण की तैयारी की गई. सतकोशिया टाइगर रिजर्व से सतत सम्पर्क एवं बाघिन के सम्बध मे जानकारी प्राप्त की जाती रही.

टीम के साथ हुई वापसी

कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला से एक दल 20 मार्च 2021 को सतकोशिया गया, जो सतकोसिया प्रबंधन एवं वन्यप्राणी विशेषज्ञों के साथ बाघिन की गतिविधियों एवं स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद दिनांक 21 मार्च 2021 को सायं 6 बजे पकड़ा गया, फिर 24 मार्च की मध्य रात्रि कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंचने पर बाघिन का पुनः परीक्षण किया गया एवं रात्रि में घोरेला बाड़े में मुक्त कर दिया गया. 25 मार्च को प्रातः क्षेत्र संचालक एवं अन्य स्टाफ ने बाघिन की गतिविधियों का निरीक्षण किया, बाघिन पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं सक्रिय है, इसके वन क्षेत्र में पुर्नस्थापना के लिए प्रशिक्षित करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी.

उमरिया। बांधवगढ़ से उड़ीसा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व भेजी गई बाघिन सुंदरी अब कान्हा टाइगर रिजर्व में रहने के तौर-तरीके सीख रही है. सुंदरी को कान्हा के मुक्की गेट के पास घोरेला के इंक्लोजर में रखा गया है, जहां उसे नए सिरे से जंगल में रहना सिखाया जाएगा. यह बाघिन पिछले दो सालों से सतकोशिया टाइगर रिजर्व में बाड़े के अंदर थी, जिसकी वजह से इसका खुले जंगल से संम्पक पूरी तरह से टूट गया था. खुले जंगल में कैसे रहा जाता है, यह इस बाघिन को सिखाने के लिए अलग-अलग चरणों में उसे अलग-अलग तरह के शिकार भेजे जाएंगे और फिर जब वह पूरी तरह से अभ्यस्त हो जाएगी, तब उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.

वर्ष 2018 में भेजा गया था सतकोशिया टाइगर रिजर्व

उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2018 में बांधवगढ़ से बाघिन सुंदरी को सतकोसिया भेजा गया था, सतकोशिया में कुछ अवांछित घटनाओं के पश्चात बाघिन को क्षेत्रीय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत गत दो वर्ष से बाड़े में रखा गया था. भारत सरकार बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा उपरांत कार्यक्रम को स्थगित करते हुए स्थानांतरित बाघिन को मध्यप्रदेश को वापस करने के निर्देश जारी किये थे, इस संबंध में एक याचिका क्रमांक 10912 को म.प्र. उद्यान्यायालय में प्रस्तुत की गई थी.

पुन: वन्यजीवन का दिया जा रहा प्रशिक्षण

उद्यान्यायालय के आदेशानुसार दिनांक 04.11.2020 के द्वारा बाघिन को कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला में वन्य जीवन पुनः प्रशिक्षित करने के लिए निर्देशित किया था. मप्र शासन द्वारा इसकी अनुमति प्राप्त होने पर कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला में बाघिन के स्थानांतरण की तैयारी की गई. सतकोशिया टाइगर रिजर्व से सतत सम्पर्क एवं बाघिन के सम्बध मे जानकारी प्राप्त की जाती रही.

टीम के साथ हुई वापसी

कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला से एक दल 20 मार्च 2021 को सतकोशिया गया, जो सतकोसिया प्रबंधन एवं वन्यप्राणी विशेषज्ञों के साथ बाघिन की गतिविधियों एवं स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद दिनांक 21 मार्च 2021 को सायं 6 बजे पकड़ा गया, फिर 24 मार्च की मध्य रात्रि कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंचने पर बाघिन का पुनः परीक्षण किया गया एवं रात्रि में घोरेला बाड़े में मुक्त कर दिया गया. 25 मार्च को प्रातः क्षेत्र संचालक एवं अन्य स्टाफ ने बाघिन की गतिविधियों का निरीक्षण किया, बाघिन पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं सक्रिय है, इसके वन क्षेत्र में पुर्नस्थापना के लिए प्रशिक्षित करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी.

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