उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नए साल में बाघों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है. जानकारी के अनुसार मानपुर के दमना बीट में एक बाघ शावक की मौत हो गई है. बाघ शावक की मौत को पार्क प्रबंधन ने छिपा लिया. चुपचाप बाघ का पीएम करावाकर उसके शव को जला दिया.
2 दिन पहले हुई शावक की मौत
बाघ शावक की मौत 2 दिन पहले हुई थी. शावक की मौत कैसे हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. जबकि पार्क प्रबंधन बाघ शावक की मौत को स्वाभाविक बता रहा है.
कहीं ये मामले की लीपोपोती तो नहीं?
मानपुर एसडीओ आरएन चौधरी का कहना है कि, बाघ शावक की मौत स्वाभाविक ढंग से हुई है. जबकि इस मामले में फील्ड डायरेक्टर विंसेंट रहीम का कहना है कि बाघ शावक महज एक से डेढ़ महीने का था. उसे जंगल के एक अन्य मेल बाघ ने मार दिया है. मेल बाघ ने शावक को पूरी तरह से खा लिया था. उसके शरीर के कुछ हिस्से ही शेष बचे थे.
सवाल उठता है कि शावक चाहे एक से डेढ़ महीने का ही क्यों ना रहा हो, लेकिन घटना को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. पिछले वर्ष बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग एक दर्जन बाघों की मौत हुई थी. जिसमें से कई बाघों की मौत रहस्यमयी परिस्थितियों में भी हुई. खासतौर से धमोखर रेंज के महामन में बाघिन और उसके दो शावकों की मौत का मामला सुर्खियों में रहा था.