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प्रतिबंध के बाद बावजूद मशीनों से किया जा रहा रेत उत्खनन, कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन - Sand quarrying machines

मध्यप्रेदश में कोरोना का कहर जारी है. इस बीच जिले की आधा दर्जन नदियों में प्रतिबंध के बावजूद रेत कारोबारी बेखौफ होकर बीच नदी में मशीने उतार कर रेत का उत्खनन कर रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Sand excavation from machines in Umaria
मशीनों से रेत उत्खनन
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Published : Jun 22, 2020, 3:46 AM IST

उमरिया। लाख कार्रवाई के बाद भी उमरिया जिले में रेत कारोबारियों और माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, जिले की आधा दर्जन नदियों में प्रतिबंध के बावजूद रेत कारोबारी बेखौफ होकर बीच नदी में मशीने उतारकर रेत का उत्खनन कर रहे हैं. खैरभार की उमड़ार नदी, उम्डा घाट, सलैया की भदार नदी, सुखदास की हलफल नदी, सोन नदी के मुंहबोला पोंड़ीघाट सहित कई घाटों से रेत का उत्खनन मशीनों के माध्यम से जारी है.

इस ओर कई बार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन ऐसा लगता है कि जैसे प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रतिबंध के बावजूद भी रेत कारोबारियों को खुली छूट दे रखी है. प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी को लेकर घर लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार के ये निर्देश बेअसर दिख रहे हैं. हलांकि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अब मामले को उठता देख जांच की बात कही है.

मशीनों से हो रहे उत्खनन के कारण आलम ये है रेत खदानों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो नदी के बीच धार से मशीनों के माध्यम से उत्खनन पर्यावरण और भूमिगत जल के लिए बेहद खतरनाक है और इस तरह से किये जा रहे उत्खनन से भूमिगत जल की की समस्या में तेजी आएगी.

उमरिया। लाख कार्रवाई के बाद भी उमरिया जिले में रेत कारोबारियों और माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, जिले की आधा दर्जन नदियों में प्रतिबंध के बावजूद रेत कारोबारी बेखौफ होकर बीच नदी में मशीने उतारकर रेत का उत्खनन कर रहे हैं. खैरभार की उमड़ार नदी, उम्डा घाट, सलैया की भदार नदी, सुखदास की हलफल नदी, सोन नदी के मुंहबोला पोंड़ीघाट सहित कई घाटों से रेत का उत्खनन मशीनों के माध्यम से जारी है.

इस ओर कई बार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन ऐसा लगता है कि जैसे प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रतिबंध के बावजूद भी रेत कारोबारियों को खुली छूट दे रखी है. प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी को लेकर घर लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए जाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार के ये निर्देश बेअसर दिख रहे हैं. हलांकि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अब मामले को उठता देख जांच की बात कही है.

मशीनों से हो रहे उत्खनन के कारण आलम ये है रेत खदानों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो नदी के बीच धार से मशीनों के माध्यम से उत्खनन पर्यावरण और भूमिगत जल के लिए बेहद खतरनाक है और इस तरह से किये जा रहे उत्खनन से भूमिगत जल की की समस्या में तेजी आएगी.

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