उमरिया। धरती पर कोरोना महामारी के हाहाकार के बीच अगर आसमान में देखें, तो आंखों को कुछ पल की राहत मिल सकती है. इन दिनों चांद धरती के सबसे करीब है. 'सुपरमून' का यह नजारा दुनिया भर में देखा जा रहा है.
चैत्र पूर्णिमा पर हर साल दिखाई देने वाले सुपरमून का दीदार इस बार भी हुआ. सुपरमून में चंद्रमा का आकार सामान्य पूर्णिमा की अपेक्षा बड़ा दिखाई दिया. इस दौरान चांद और अधिक चमकदार नजर आया. इसे ही 'पिंकमून' भी कहा जाता है.
मंगलवार की शाम चंद्रमा करीब 7:09 बजे पूर्व से उदित हुआ. इस पिंकमून को मंगलवार रात भर देखा गया. इस साल दो सुपरमून यानी एक 27 अप्रैल को देखा गया और दूसरा 26 मई को देखा जायेगा.
हनुमान जयंती: आज आसमान में दिखेगा पहला पिंकमून
चांद के पृथ्वी के करीब आने पर दिखता है सुपरमून
खगोल विज्ञान के अनुसार, चंद्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है. शासकीय महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर दुर्वेश अहिरवार बताते है कि चंद्रमा की आर्बिट अंडाकार होने की वजह से चंद्रमा और पृथ्वी के सबसे दूर बिंदु को एपोजी, जबकि सबसे नजदीक बिंदु को पेरीजी के नाम से जाना जाता है. सुपरमून तब होगा, जब चंद्रमा पेरीजी पर पहुंचता है, जबकि एपोजी पर यह माइक्रोमून कहलाता है.