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चित्रकार जोधईया बाई को मिली नई दृष्टि, जिला प्रशासन ने कराया मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन - उमरिया

अम्मा नाम से ख्यातिप्राप्त बैगा चित्रकार जोधईया बाई को नई दृष्टी मिल गई. जोधईया बाई के हुनर का जैसे ही दुनिया को मालूम पड़ा वैसे 80 साल उम्र में मोतियाबिंद की बीमारी ने घर कर लिया था.

Painter jodhaiya bai got new vision in umria
चित्रकार जोधईया बाई को मिली नई दृष्टि
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Published : Jan 28, 2020, 11:02 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 11:52 PM IST

उमरिया। जिले में अम्मा नाम से प्रसिद्ध ख्यातिप्राप्त बैगा चित्रकार जोधईया बाई को नई दृष्टी मिल गई. जोधईया बाई के हुनर का जैसे ही दुनिया को मालूम पड़ा वैसे 80 साल उम्र में मोतियाबिंद की बीमारी ने घर कर लिया था, जिससे उनके आंख की रोशनी जाने लगी थी. लेकिन इस बात की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को मिली तो कलेक्टर का प्रबंध कराया और जबलपुर के नेत्र चिकित्सालय में जोधईया के आंख का ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

चित्रकार जोधईया बाई को मिली नई दृष्टि


जोधईया बाई को नई दृष्टि मिलने से उसके गुरु और बैगा आर्ट के जनक आशीष स्वामी भी खुश दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन के इस नेक काम की सराहना की है. वहीं आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि पैर में गंभीर स्किन की बीमारी और ज्यादा उम्र होने के कारण उसका ऑपरेशन संभव नहीं था लेकिन जिला प्रशासन के विशेष आग्रह पर जबलपुर के विशेसज्ञ चिकित्सकों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.


जोधईया बाई की कला देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्धी पा चुकी है ऐसे में उसकी आंख में आई समस्या से निजात मिलने से बैगा चित्रकारी को निश्चित रूप से नई दृष्टि मिलेगी और जोधईया बाई के सपने फिर से कैनवास पर उतर पाएंगे.

उमरिया। जिले में अम्मा नाम से प्रसिद्ध ख्यातिप्राप्त बैगा चित्रकार जोधईया बाई को नई दृष्टी मिल गई. जोधईया बाई के हुनर का जैसे ही दुनिया को मालूम पड़ा वैसे 80 साल उम्र में मोतियाबिंद की बीमारी ने घर कर लिया था, जिससे उनके आंख की रोशनी जाने लगी थी. लेकिन इस बात की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को मिली तो कलेक्टर का प्रबंध कराया और जबलपुर के नेत्र चिकित्सालय में जोधईया के आंख का ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

चित्रकार जोधईया बाई को मिली नई दृष्टि


जोधईया बाई को नई दृष्टि मिलने से उसके गुरु और बैगा आर्ट के जनक आशीष स्वामी भी खुश दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन के इस नेक काम की सराहना की है. वहीं आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि पैर में गंभीर स्किन की बीमारी और ज्यादा उम्र होने के कारण उसका ऑपरेशन संभव नहीं था लेकिन जिला प्रशासन के विशेष आग्रह पर जबलपुर के विशेसज्ञ चिकित्सकों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.


जोधईया बाई की कला देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्धी पा चुकी है ऐसे में उसकी आंख में आई समस्या से निजात मिलने से बैगा चित्रकारी को निश्चित रूप से नई दृष्टि मिलेगी और जोधईया बाई के सपने फिर से कैनवास पर उतर पाएंगे.

Intro:Body:अंतराष्ट्रीय चित्रकार जोधईया बाई को मिली नई दृष्टि,आंख में मोतियाबिंद से परेशान जोधईया बाई चित्रकारी न कर पाने के डर से थी परेशान, जिला प्रशासन की मदद से जबलपुर में हुआ परेशान,वृद्ध चित्रकार ने कहा मरते दम तक करूंगी चित्रकारी।

उमरिया जिले की अम्मा नाम से प्रसिद्ध ख्यातिप्राप्त अंतरराष्ट्रीय बैगा चित्रकार जोधईया बाई का हुनर जैसे ही दुनिया मे बजने लगा वैसे ही 80 साल की इस वृद्ध चित्रकार की आंख में गंभीर मोतियाबिंद की बीमारी ने घर कर लिया,चित्रकारी न कर पाने के डर से जोधईया बाई परेशान हो गई,इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो कलेक्टर ने संज्ञान लेकर जोधईया बाई के इलाज का प्रबंध कराया और जबलपुर के नेत्र चिकित्सालय में जोधईया के आंख का ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ,ऑपरेशन के बाद जोधईया बाई का खुशी का ठिकाना नही है उसने कहा कि अब वो मरते दम तक चित्रकारी कर सकती है।

बाइट-01 जोधईया बाई बैगा (बैगा चित्रकार)


जोधईया बाई को नई दृष्टि मिलने से उसके गुरु और बैगा आर्ट के जनक आशीष स्वामी भी खुश दिखाई दे रहे हैं उन्होंने जिला प्रशासन के इस नेक काम की सराहना की है वहीं आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि पैर में गंभीर स्किन की बीमारी और ज्यादा उम्र होने के कारण उसका ऑपरेशन संभव नही था लेकिन जिला प्रशासन के विशेष आग्रह पर जबलपुर के विशेसज्ञ चिकित्सकों ने उसका सफल ऑपरेशन किया।

बाइट-02 आशीष स्वामी (चित्रकार)
बाइट-03 आनंद राय सिन्हा(सहायक आयुक्त-आदिवासी विकास विभाग)

जोधईया बाई की कला देश ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे प्रसिद्धि पा चुकी है ऐसे में उसकी आंख में आई समस्या से निजात मिलने से बैगा चित्रकारी को निश्चित रूप से नई दृष्टि मिलेगी।

Conclusion:
Last Updated : Jan 28, 2020, 11:52 PM IST
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