उमरिया। जिले में अम्मा नाम से प्रसिद्ध ख्यातिप्राप्त बैगा चित्रकार जोधईया बाई को नई दृष्टी मिल गई. जोधईया बाई के हुनर का जैसे ही दुनिया को मालूम पड़ा वैसे 80 साल उम्र में मोतियाबिंद की बीमारी ने घर कर लिया था, जिससे उनके आंख की रोशनी जाने लगी थी. लेकिन इस बात की जानकारी जैसे ही जिला प्रशासन को मिली तो कलेक्टर का प्रबंध कराया और जबलपुर के नेत्र चिकित्सालय में जोधईया के आंख का ऑपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
जोधईया बाई को नई दृष्टि मिलने से उसके गुरु और बैगा आर्ट के जनक आशीष स्वामी भी खुश दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन के इस नेक काम की सराहना की है. वहीं आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि पैर में गंभीर स्किन की बीमारी और ज्यादा उम्र होने के कारण उसका ऑपरेशन संभव नहीं था लेकिन जिला प्रशासन के विशेष आग्रह पर जबलपुर के विशेसज्ञ चिकित्सकों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.
जोधईया बाई की कला देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्धी पा चुकी है ऐसे में उसकी आंख में आई समस्या से निजात मिलने से बैगा चित्रकारी को निश्चित रूप से नई दृष्टि मिलेगी और जोधईया बाई के सपने फिर से कैनवास पर उतर पाएंगे.