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Navratri 2023: चांदी के आभूषणों से सजी मां महाकाली, अष्टमी पर स्वर्ण आभूषण से श्रृंगार, दर्शन पाकर भक्त हुए मंत्रमुग्ध

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में स्थित मां बिरासिनी शक्तिपीठ में नवरात्रि में बड़ी संख्या में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचे. जहां बिरासनी देवी शक्तिपीठ प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की गई. बिरासिनी देवी मंदिर में माता का स्वर्ण आभूषणों से भव्य श्रंगार किया गया.

Navratri 2023
चांदी के आभूषणों से सजी मां महाकाली, अष्टमी पर स्वर्ण आभूषण से श्रृंगार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 11:16 AM IST

उमरिया। जिलेभर में नवरात्रि का उत्सव चरम पर है. पांडालों मे बिराजी मातेश्वरी का तेज भी निखरता जा रहा है. जगह-जगह धार्मिक आयोजन हो रहे हैं. शाम होते ही श्रद्धालु माता की छवि को निहारने निकल पड़ते हैं. पाली के बिरासिनी धाम मे शनिवार को माता महाकाली का चांदी के आभूषणो से श्रंगार किया गया. उल्लेखनीय है कि नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की आराधना की जाती है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक असुरों का वध करने के लिए मां पार्वती ने कालरात्रि का रूप धारण किया था.

माता को लगाया विशेष भोग : मान्यता है कि मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले साधकों को भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का डर नहीं सताता. अष्टमी पर माता बिरासिनी के दरबार मे अठमाईन चढ़ाकर माता की पूजा अर्चना की गई. मानता है कि अष्टमी तिथि को अठमाईन चढ़ाने से माता विशेष भोग के रूप में इसे ग्रहण करती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति कराती हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अठमाईन के साथ विशाल झंडे लेकर माता के दरबार आते हैं. साथ ही नगर में नेकी भलाई की कामना करते हैं.

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अष्टमी पर विशेष श्रृंगार : अष्टमी पर मां का विशेष श्रृंगार भी किया गया. माता बिरासनी के दरबार में संध्या आरती के दौरान विशेष आरती का आयोजन किया गया. इसमें नगर के अलावा प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल हुए. नवमीं पर ऐतिहासिक जवारा जुलूस निकलेगा. शारदीय नवरात्रि पर मां बिरासिनी दरबार मे 5 हजार 179 कलश स्थापित किए गए हैं. इनमे ज्योति घी कलश, ज्योति तेल कलश, आजीवन ज्योति घी कलश, आजीवन ज्योति तेल व साधारण कलश शामिल हैं. जिनका विसर्जन नवमी तिथि पर 23 अक्टूबर को किया जाएगा.

उमरिया। जिलेभर में नवरात्रि का उत्सव चरम पर है. पांडालों मे बिराजी मातेश्वरी का तेज भी निखरता जा रहा है. जगह-जगह धार्मिक आयोजन हो रहे हैं. शाम होते ही श्रद्धालु माता की छवि को निहारने निकल पड़ते हैं. पाली के बिरासिनी धाम मे शनिवार को माता महाकाली का चांदी के आभूषणो से श्रंगार किया गया. उल्लेखनीय है कि नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की आराधना की जाती है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक असुरों का वध करने के लिए मां पार्वती ने कालरात्रि का रूप धारण किया था.

माता को लगाया विशेष भोग : मान्यता है कि मां कालरात्रि की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले साधकों को भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का डर नहीं सताता. अष्टमी पर माता बिरासिनी के दरबार मे अठमाईन चढ़ाकर माता की पूजा अर्चना की गई. मानता है कि अष्टमी तिथि को अठमाईन चढ़ाने से माता विशेष भोग के रूप में इसे ग्रहण करती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति कराती हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अठमाईन के साथ विशाल झंडे लेकर माता के दरबार आते हैं. साथ ही नगर में नेकी भलाई की कामना करते हैं.

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अष्टमी पर विशेष श्रृंगार : अष्टमी पर मां का विशेष श्रृंगार भी किया गया. माता बिरासनी के दरबार में संध्या आरती के दौरान विशेष आरती का आयोजन किया गया. इसमें नगर के अलावा प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल हुए. नवमीं पर ऐतिहासिक जवारा जुलूस निकलेगा. शारदीय नवरात्रि पर मां बिरासिनी दरबार मे 5 हजार 179 कलश स्थापित किए गए हैं. इनमे ज्योति घी कलश, ज्योति तेल कलश, आजीवन ज्योति घी कलश, आजीवन ज्योति तेल व साधारण कलश शामिल हैं. जिनका विसर्जन नवमी तिथि पर 23 अक्टूबर को किया जाएगा.

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