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MP Umaria News टेंडर और सप्लाई का अता-पता नहीं, मामला खुला तो संविदा कर्मी को बर्खास्त किया, सीएमएचओ सवालों के घेरे में

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Published : Sep 22, 2022, 4:15 PM IST

उमरिया में स्वास्थ्य महकमे में घोटाले का एक नया मामला सामने आया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक ने संविदा कर्मचारी जवाहर विश्वकर्मा को बर्खास्त कर दिया है. आरोप है कि उन्होंने बिना काम के ही अपनी पत्नी के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान कर दिया. मजे की बात तो यह है कि जब तक मलाई मिलती रही तब तक स्वास्थ्य विभाग के मुखिया भ्रष्टाचार से नाता बनाये रहे मगर जैसे ही तलवार जवाहर के गले तक पहुंची तो कन्नी काट ली. MP umaria News, Health department scam, Contract worker sacked, CMHO under question

Health department scam
उमरिया में स्वास्थ्य महकमे में घोटाले का एक नया मामला सामने आया

उमरिया। उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि संविदाकर्मी जवाहर विश्वकर्मा की पत्नी के नाम दर्ज फर्म सिराज इंटरप्राइजेज को बिना टेंडर के काम दिया गया और बिना सप्लाई के बिल लग गये.

कैसे हो गया लाखों के बिल का भुगतान : स्वयं ही सत्यापन कर बिलों का लाखों रुपए भुगतान कर दिया, हालांकि इस बात की भनक CMHO को होने के बाद भी उन्होंने कोई एक्शन नही लिया. बगैर मिलीभगत के क्या संभव है. भुगतान जब हुआ तो सीएमएचओ के हस्ताक्षर भी हुए होंगे, मगर भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने के लिए सभी आतुर थे और जब बात अपनी पर बनी तो भ्रष्टाचार की जानकारी नहीं होने की बात कह दी.

CM शिवराज के एक्शन के बाद कृषि विभाग ने DPMK फर्टिलाइजर्स का लायसेंस किया रद्द

पांच माह बाद पता चला : प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2021 जुलाई में उक्त खरीदी आदेश जारी किया गया, जिन कामों और सामग्री का बिल लगाया गया, वह सामग्री भंडार गृह में थी ही नहीं और न ही रजिस्टर में इंद्राज किया गया. इस बात की जानकारी भंडार गृह प्रभारी ने दिसंबर 2021 को CMHO को दी. इसके पहले न तो मुखिया ने जानकारी ली और न ही भंडार गृह को कोई पत्र लिखा गया, जबकि अगर सामग्री नहीं मिली थी तो इस बाबत पत्राचार होना चाहिए था. साहब ने पहले ही भुगतान कर अपना हिस्सा किनारे कर लिया.

MP umaria News, Health department scam, contract worker sacked, CMHO under question

उमरिया। उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा कराई गई जांच में यह बात सामने आई है कि संविदाकर्मी जवाहर विश्वकर्मा की पत्नी के नाम दर्ज फर्म सिराज इंटरप्राइजेज को बिना टेंडर के काम दिया गया और बिना सप्लाई के बिल लग गये.

कैसे हो गया लाखों के बिल का भुगतान : स्वयं ही सत्यापन कर बिलों का लाखों रुपए भुगतान कर दिया, हालांकि इस बात की भनक CMHO को होने के बाद भी उन्होंने कोई एक्शन नही लिया. बगैर मिलीभगत के क्या संभव है. भुगतान जब हुआ तो सीएमएचओ के हस्ताक्षर भी हुए होंगे, मगर भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाने के लिए सभी आतुर थे और जब बात अपनी पर बनी तो भ्रष्टाचार की जानकारी नहीं होने की बात कह दी.

CM शिवराज के एक्शन के बाद कृषि विभाग ने DPMK फर्टिलाइजर्स का लायसेंस किया रद्द

पांच माह बाद पता चला : प्रतिवेदन अनुसार वर्ष 2021 जुलाई में उक्त खरीदी आदेश जारी किया गया, जिन कामों और सामग्री का बिल लगाया गया, वह सामग्री भंडार गृह में थी ही नहीं और न ही रजिस्टर में इंद्राज किया गया. इस बात की जानकारी भंडार गृह प्रभारी ने दिसंबर 2021 को CMHO को दी. इसके पहले न तो मुखिया ने जानकारी ली और न ही भंडार गृह को कोई पत्र लिखा गया, जबकि अगर सामग्री नहीं मिली थी तो इस बाबत पत्राचार होना चाहिए था. साहब ने पहले ही भुगतान कर अपना हिस्सा किनारे कर लिया.

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