उमरिया (मानुपर)। जिले में नल-जल योजना की हालत खराब है. गांवों में बनाई गई बड़ी टंकियां शोपीस बन चुकी हैं. बिना सप्लाई शुरू हुए पाइप लाइन के परखच्चे उड़ गए हैं. कई स्थानों पर तो हजारों लीटर बहुमूल्य पानी सड़कों पर बहकर नष्ट हो रहा है. जिले के तीनों जनपदों मे इस योजना के हाल खराब हैं. मानपुर तहसील के बचहा, सलैया, सुखदास, मुडगुडी, पडवार आदि गांवों मे अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर सरकारी धन की जमकर बंदरबांट की है.
घटिया क्वालिटी की पाइपलाइन : ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा टंकी से मोहल्ले तक इतने घटिया क्वालिटी की लाइन बिछाई है कि अभी से जगह-जगह पाइप फट गए हैं. जिससे पानी घरों की बजाय लोगों के खेतों और आम रास्तों मे बह रहा है. इस अव्यवस्था के कारण योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. उल्लेखनीय है कि नल से घर-घर जल पहुंचाने के योजना सरकार की प्राथमिकताओं मे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नल द्वारा जल ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाने का बखान करते रहते हैं, परंतु वस्तुस्थिति कुछ और ही बयां करती है.
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अधिकारी बोले- जांच करेंगे : इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जल निगम की है. सूत्रों के मुताबिक निगम के पास जमीनी अमले की संख्या नगण्य है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी नियमित रूप से कार्य की मॉनिटरिंग नहीं करते. लिहाजा करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट सिर्फ ठेकेदारों के भरोसे चल रहे हैं. जिले की कई ग्राम पंचायतों मे ठेकेदारों ने लाखों रुपये की लागत से बनवाई गई सड़कों को तोड़ कर आनन-फानन मे पाइप लाइनें बिछा तो दीं, पर उन्हें ठीक से जोड़ा तक नहीं. जिसकी वजह से वे या तो चोक हो गईं या टूट कर बर्बाद हो गईं. इस मामले में जल निगम महाप्रबंधक संजय वाधवा का कहना है कि उमरिया जिले में कई स्थानों पर नल-जल योजना मे गुणवत्ताहीन कार्य होने की शिकायतें सामने आई हैं. इनकी जांच जारी है.