उमरिया। बांधवगढ़ में नर बाघ शावक के अवशेष मिलने से हड़कंप है. प्राकृतिक हरियाली और बाघों के लिये दुनियाभर मे मशहूर जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में आये दिन हो रही बाघ एवं तेंदुओं की मौत ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंता मे डाल दिया है. सोमवार को पार्क में एक और बाघ की मौत हो गई. मृत बाघ की आयु लगभग 15 माह बताई गई है, जिसका शव परिक्षेत्र खितौली अंतर्गत गढ़पुरी बीट मे पाया गया.
बांधवगढ़ में शिकारी सक्रिय : लोगों का कहना है कि यहां शिकारी सक्रिय हैं. कभी शेरों के शिकार के लिये कुख्यात पारधियों और बहेलियों पर प्रबंधन की पैनी निगाह रहती थी, पर कई दिनों से इस तरह कार्रवाई रोक दी गई है. प्रबंधन की उदासीनता के कारण करीब 1 वर्ष से पार्क क्षेत्र मे शिकारियों, बहेलियों, पारधियों और वन्यजीव तस्करों की गतिविधियां लगातार देखी जा रही हैं. आमतौर पर उनके लगाये फंदे मे फंसते ही लाठियों से बाघ की हत्या कर उसका शव वहीं गाड़ दिया जाता है. मामला ठंडा पड़ने के बाद बाघ की खाल व शेष अंगों को ठिकाने पर पहुंचा दिया जाता है.
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अफसरों के रटेरटाए जवाब : गश्तीदल की सूचना पर उच्च अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया. पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. गढ़पुरी को मिलाकर इस वर्ष बांधवगढ़ मे होने वाली बाघ की यह 7वीं मौत है. हमेशा की तरह इस बार भी अधिकारी बाघ की मृत्यु टेरीटेरी फाइट के कारण होना बता रहे हैं. उनका कहना है कि किसी बड़े बाघ के हमले मे शावक की मौत हुई है. बता दें कि बीते करीब दो महीने में ही बांधवगढ़ मे कम से कम 5 तेदुओं को अपनी जान से हांथ धोना पड़ा है.