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MP Seat Scan Manpur: विंध्य की एक ऐसी आदिवासी सीट, जहां कभी नहीं जीती कांग्रेस, बीजेपी का मजबूत गढ़, जानिए समीकरण

एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. ऐसे में हम आपको प्रदेश की आदिवासी बाहुल्य सीट से जुड़ी जानकारी साझा कर रहे हैं. ये सीट उमरिया जिले का हिस्सा है. सीट का नाम मानपुर विधानसभा है. फिलहाल यहां बीजेपी का कब्जा है.

MP Seat Scan Manpur
एमपी सीट स्कैन मानपुर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 3:56 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 4:41 PM IST

उमरिया। विंध्य क्षेत्र के अंतर्गत उमरिया जिले की दो विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से एक सीट है बांधवगढ़ और दूसरी सीट है मानपुर. आज बात करेंगे उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा सीट की. ये एक ऐसी विधानसभा सीट है, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है. क्योंकि मानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस को अब तक जीत का स्वाद नहीं मिला है. ऐसे में इस बार मानपुर विधानसभा सीट का क्या है समीकरण, इस सीट को लेकर बीजेपी-कांग्रेस की कितनी है तैयारी.

मानपुर प्रकृति का वरदान: उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट प्राकृतिक सुंदरता से हरा भरा है. यहां जहां भी जाएंगे आप पेड़ पौधे ही पाएंगे, प्रकृति का अनूठा संगम पाएंगे. जंगलों से घिरा यह विधानसभा सीट अनायास किसी का भी मन मोह ले. मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत ही बांधवगढ़ भी आता है, जो की एक नेशनल पार्क है और बाघों के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत ही संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र बिरासिनी मंदिर जहां बिरासनी माता विराजमान है, उनके चमत्कार की कहानी दूर-दूर तक फैली हुई है. इसके अलावा इस क्षेत्र में कोयला भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. कुल मिलाकर खनिज का अकूत भंडार भी मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर क्षेत्र की खासियत

बीजेपी का गढ़ बना मानपुर: उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. ये एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां बीजेपी काफी मजबूत रही है. उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है. यहां से मीना सिंह विधायक और मौजूदा सरकार में मंत्री भी हैं. मीना सिंह बीजेपी का एक ऐसा आदिवासी चेहरा है, जिसे हराना किसी भी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. क्योंकि पिछले कई विधानसभा चुनाव से लगातार मीना सिंह जीतती आ रही हैं, मीना सिंह मानपुर विधानसभा सीट से बीजेपी की एक मजबूत कैंडिडेट है.

कांग्रेस का नहीं खुला खाता: 2008 के परिसीमन के बाद से मानपुर विधानसभा सीट बनी और जब से मानपुर विधानसभा सीट बनी है, तब से वहां भारतीय जनता पार्टी की मीना सिंह जीत दर्ज करते आ रही हैं, सबसे बड़ी बात ये है कि इस विधानसभा सीट में अब तक कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी यहां से कितनी मजबूत है.

क्या कहते हैं चुनावी आंकड़े?: 2008 के परिसीमन के बाद से मानपुर विधानसभा सीट बनी, जो की एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी की मीना सिंह विजेता बनी. उनके सामने कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह की चुनौती थी, जहां मीना सिंह ने 15,303 मतों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की और एक बार फिर से विधायक बनीं.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर सीट का रिपोर्ट कार्ड

2013 के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानपुर विधानसभा सीट में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने जहां मीना सिंह को ही मैदान पर उतारा था, तो वहीं ज्ञानवती सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. यहां एक बार फिर से मीना सिंह ने शानदार जीत दर्ज की और निर्दलीय सीट से ज्ञानवती सिंह को 43,628 भारी मतों के अंतर से हराया.

साल 2018 का विधानसभा चुनाव: जब 2018 के विधानसभा चुनाव हुए इस दौरान मीना सिंह को एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने मानपुर विधानसभा सीट से मैदान पर उतारा तो वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से ज्ञानवती सिंह को ही टिकट दिया. यहां एक बार फिर से मीना सिंह ने ज्ञानवती सिंह को हरा दिया, जिसमें बीजेपी की ओर से मीना सिंह ने जहां 82,287 वोट पाए तो कांग्रेस की ओर से ज्ञानवती सिंह ने 63,632 वोट पाए और अन्य दलों के प्रत्याशी 29,803 वोट पाए.

बता दें कि परिसीमन के पहले भी मीना सिंह भारतीय जनता पार्टी की टिकट से जीत दर्ज करते आई हैं, पहले मानपुर विधानसभा सीट जब नहीं थी तो 2003 में नौरोजाबाद विधानसभा सीट से मीना सिंह ने जीत दर्ज की थी. यहां भी ज्ञानवती सिंह को ही हराया था, कुल मिलाकर देखा जाए तो मानपुर विधानसभा सीट में इस बार में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने लगातार एक ही प्रत्याशी को मैदान पर लागातार उतारा और उनके लिए वह ट्रंप कार्ड साबित हुई. लगातार जीत दर्ज करते आई, तो वहीं कांग्रेस ने लगातार ज्ञानवती सिंह को ही मैदान पर उतारा और उन्हें लगातार हार ही मिलती रही.

MP Seat Scan Manpur
साल 2018 का रिजल्ट

अब एक ही पार्टी में दो प्रतिद्वंदी: मानपुर विधानसभा सीट में इस बार मुकाबला दिलचस्प है, क्योंकि इस बार बीजेपी किसे टिकट देती है, इस पर भी सभी की नजर टिकी हुई है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में जहां मीना सिंह सबसे मजबूत दावेदार अभी भी मानी जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर मीना सिंह के खिलाफ कांग्रेस की ओर से 2018 विधानसभा चुनाव तक ज्ञानवती सिंह ही चुनाव लड़ती आई हैं, लेकिन जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन किया है. ज्ञानवती सिंह भी उन्हीं की समर्थक हैं और उन्होंने भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया है. अब मीना सिंह और ज्ञानवती सिंह दोनों ही नेता एक ही पार्टी में है और दोनों ही नेता मानपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रही हैं, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भारतीय जनता पार्टी किसे टिकट देती है.

मीना सिंह मंत्री फिर भी क्षेत्र में कई मुद्दे: मानपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मीना सिंह वर्तमान बीजेपी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन इसके बाद भी इस क्षेत्र में जनता के कई ऐसे मुद्दे हैं. जिन पर काम नहीं किया गया है, बेरोजगारी मजदूरों का पलायन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव अभी भी जस की तस बनी हुई है.
"मानपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है मीना सिंह इतने दिनों से मानपुर से विधायक हैं, इस बार मंत्री भी हैं, लेकिन अब तक उन्होंने क्षेत्र के लिए कोई ऐसा बड़ा कार्य नहीं किया है, जिसे कहा जाए कि यह काम मीना सिंह ने किया है, यह विकास इस क्षेत्र में मीना सिंह ने कराया है. जिसमें मीना सिंह का नाम लिया जाए. यह भी इस क्षेत्र के लिए अब एक बड़ा मुद्दा है, अगर क्षेत्र की जनता इतने भारी मतों से किसी नेता को जीत दिलाती है तो उसे क्षेत्र की जनता उनसे उम्मीदें भी करती है, लोगों का कहना है कि उन उम्मीदों पर मीना सिंह खड़ी नहीं उतर पाई हैं."

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बीजेपी-कांग्रेस दोनों जगह परेशानी: आगामी विधानसभा चुनाव में मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी चुनौती है. दोनों ही पार्टियों में अपनी अपनी समस्याएं व्याप्त हैं. बीजेपी में जहां गुटबाजी है. इस बार जो पिछले चुनाव तक कांग्रेस से दावेदारी करती आई थी ज्ञानवती सिंह, इस बार बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रही हैं. जिसका असर मीना सिंह और ज्ञानवती के बीच अभी से दिखने भी लगा है. हालांकि मीना सिंह बीजेपी की अभी भी मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं, क्योंकि पिछले कई विधानसभा चुनाव से वो लगातार भाजपा के लिए जीत दर्ज करते आ रही हैं. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस को इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. वजह है कि भाजपा के पास जहां एक ओर लगातार जीत हासिल करने वाला कैंडिडेट मीना सिंह के तौर पर मौजूद है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास ऐसा कोई भी मजबूत प्रत्याशी अब तक नजर नहीं आ रहा है, जो मीना सिंह जैसे दावेदारों के खिलाफ दावा ठोक सके, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की आमजन से जुड़ाव भी यहां कम हुआ है. साथ ही इस पार्टी में भी लोकल गुटबाज़ी है, जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर सीट के मतदाता

बीजेपी का गढ़ बना मानपुर: जिस तरह से मानपुर विधानसभा सीट में लगातार भाजपा जीत दर्ज करते आ रही है. उसे देखते हुए कांग्रेस की तैयारी बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है. अगर मानपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को अपनी जीत का खाता खोलना है, तो फिर यहां मीना सिंह जैसे नेताओं के मुकाबले एक मजबूत प्रत्याशी लाना होगा. साथ ही पार्टी में एकजुटता लानी होगी और रणनीति सख्त बनानी होगी. तभी इस विधानसभा सीट में कांग्रेस के जीत की उम्मीदें जाग सकती हैं, क्योंकि मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी का अब बड़ा गढ़ बन चुका है.

उमरिया। विंध्य क्षेत्र के अंतर्गत उमरिया जिले की दो विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से एक सीट है बांधवगढ़ और दूसरी सीट है मानपुर. आज बात करेंगे उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा सीट की. ये एक ऐसी विधानसभा सीट है, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है. क्योंकि मानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस को अब तक जीत का स्वाद नहीं मिला है. ऐसे में इस बार मानपुर विधानसभा सीट का क्या है समीकरण, इस सीट को लेकर बीजेपी-कांग्रेस की कितनी है तैयारी.

मानपुर प्रकृति का वरदान: उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट प्राकृतिक सुंदरता से हरा भरा है. यहां जहां भी जाएंगे आप पेड़ पौधे ही पाएंगे, प्रकृति का अनूठा संगम पाएंगे. जंगलों से घिरा यह विधानसभा सीट अनायास किसी का भी मन मोह ले. मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत ही बांधवगढ़ भी आता है, जो की एक नेशनल पार्क है और बाघों के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत ही संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र बिरासिनी मंदिर जहां बिरासनी माता विराजमान है, उनके चमत्कार की कहानी दूर-दूर तक फैली हुई है. इसके अलावा इस क्षेत्र में कोयला भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. कुल मिलाकर खनिज का अकूत भंडार भी मानपुर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर क्षेत्र की खासियत

बीजेपी का गढ़ बना मानपुर: उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. ये एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां बीजेपी काफी मजबूत रही है. उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है. यहां से मीना सिंह विधायक और मौजूदा सरकार में मंत्री भी हैं. मीना सिंह बीजेपी का एक ऐसा आदिवासी चेहरा है, जिसे हराना किसी भी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. क्योंकि पिछले कई विधानसभा चुनाव से लगातार मीना सिंह जीतती आ रही हैं, मीना सिंह मानपुर विधानसभा सीट से बीजेपी की एक मजबूत कैंडिडेट है.

कांग्रेस का नहीं खुला खाता: 2008 के परिसीमन के बाद से मानपुर विधानसभा सीट बनी और जब से मानपुर विधानसभा सीट बनी है, तब से वहां भारतीय जनता पार्टी की मीना सिंह जीत दर्ज करते आ रही हैं, सबसे बड़ी बात ये है कि इस विधानसभा सीट में अब तक कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी यहां से कितनी मजबूत है.

क्या कहते हैं चुनावी आंकड़े?: 2008 के परिसीमन के बाद से मानपुर विधानसभा सीट बनी, जो की एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी की मीना सिंह विजेता बनी. उनके सामने कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह की चुनौती थी, जहां मीना सिंह ने 15,303 मतों के अंतर से बड़ी जीत दर्ज की और एक बार फिर से विधायक बनीं.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर सीट का रिपोर्ट कार्ड

2013 के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानपुर विधानसभा सीट में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने जहां मीना सिंह को ही मैदान पर उतारा था, तो वहीं ज्ञानवती सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. यहां एक बार फिर से मीना सिंह ने शानदार जीत दर्ज की और निर्दलीय सीट से ज्ञानवती सिंह को 43,628 भारी मतों के अंतर से हराया.

साल 2018 का विधानसभा चुनाव: जब 2018 के विधानसभा चुनाव हुए इस दौरान मीना सिंह को एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने मानपुर विधानसभा सीट से मैदान पर उतारा तो वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से ज्ञानवती सिंह को ही टिकट दिया. यहां एक बार फिर से मीना सिंह ने ज्ञानवती सिंह को हरा दिया, जिसमें बीजेपी की ओर से मीना सिंह ने जहां 82,287 वोट पाए तो कांग्रेस की ओर से ज्ञानवती सिंह ने 63,632 वोट पाए और अन्य दलों के प्रत्याशी 29,803 वोट पाए.

बता दें कि परिसीमन के पहले भी मीना सिंह भारतीय जनता पार्टी की टिकट से जीत दर्ज करते आई हैं, पहले मानपुर विधानसभा सीट जब नहीं थी तो 2003 में नौरोजाबाद विधानसभा सीट से मीना सिंह ने जीत दर्ज की थी. यहां भी ज्ञानवती सिंह को ही हराया था, कुल मिलाकर देखा जाए तो मानपुर विधानसभा सीट में इस बार में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने लगातार एक ही प्रत्याशी को मैदान पर लागातार उतारा और उनके लिए वह ट्रंप कार्ड साबित हुई. लगातार जीत दर्ज करते आई, तो वहीं कांग्रेस ने लगातार ज्ञानवती सिंह को ही मैदान पर उतारा और उन्हें लगातार हार ही मिलती रही.

MP Seat Scan Manpur
साल 2018 का रिजल्ट

अब एक ही पार्टी में दो प्रतिद्वंदी: मानपुर विधानसभा सीट में इस बार मुकाबला दिलचस्प है, क्योंकि इस बार बीजेपी किसे टिकट देती है, इस पर भी सभी की नजर टिकी हुई है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में जहां मीना सिंह सबसे मजबूत दावेदार अभी भी मानी जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर मीना सिंह के खिलाफ कांग्रेस की ओर से 2018 विधानसभा चुनाव तक ज्ञानवती सिंह ही चुनाव लड़ती आई हैं, लेकिन जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन किया है. ज्ञानवती सिंह भी उन्हीं की समर्थक हैं और उन्होंने भी भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया है. अब मीना सिंह और ज्ञानवती सिंह दोनों ही नेता एक ही पार्टी में है और दोनों ही नेता मानपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रही हैं, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भारतीय जनता पार्टी किसे टिकट देती है.

मीना सिंह मंत्री फिर भी क्षेत्र में कई मुद्दे: मानपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मीना सिंह वर्तमान बीजेपी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन इसके बाद भी इस क्षेत्र में जनता के कई ऐसे मुद्दे हैं. जिन पर काम नहीं किया गया है, बेरोजगारी मजदूरों का पलायन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव अभी भी जस की तस बनी हुई है.
"मानपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है मीना सिंह इतने दिनों से मानपुर से विधायक हैं, इस बार मंत्री भी हैं, लेकिन अब तक उन्होंने क्षेत्र के लिए कोई ऐसा बड़ा कार्य नहीं किया है, जिसे कहा जाए कि यह काम मीना सिंह ने किया है, यह विकास इस क्षेत्र में मीना सिंह ने कराया है. जिसमें मीना सिंह का नाम लिया जाए. यह भी इस क्षेत्र के लिए अब एक बड़ा मुद्दा है, अगर क्षेत्र की जनता इतने भारी मतों से किसी नेता को जीत दिलाती है तो उसे क्षेत्र की जनता उनसे उम्मीदें भी करती है, लोगों का कहना है कि उन उम्मीदों पर मीना सिंह खड़ी नहीं उतर पाई हैं."

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बीजेपी-कांग्रेस दोनों जगह परेशानी: आगामी विधानसभा चुनाव में मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी चुनौती है. दोनों ही पार्टियों में अपनी अपनी समस्याएं व्याप्त हैं. बीजेपी में जहां गुटबाजी है. इस बार जो पिछले चुनाव तक कांग्रेस से दावेदारी करती आई थी ज्ञानवती सिंह, इस बार बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रही हैं. जिसका असर मीना सिंह और ज्ञानवती के बीच अभी से दिखने भी लगा है. हालांकि मीना सिंह बीजेपी की अभी भी मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं, क्योंकि पिछले कई विधानसभा चुनाव से वो लगातार भाजपा के लिए जीत दर्ज करते आ रही हैं. कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस को इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. वजह है कि भाजपा के पास जहां एक ओर लगातार जीत हासिल करने वाला कैंडिडेट मीना सिंह के तौर पर मौजूद है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास ऐसा कोई भी मजबूत प्रत्याशी अब तक नजर नहीं आ रहा है, जो मीना सिंह जैसे दावेदारों के खिलाफ दावा ठोक सके, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की आमजन से जुड़ाव भी यहां कम हुआ है. साथ ही इस पार्टी में भी लोकल गुटबाज़ी है, जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है.

MP Seat Scan Manpur
मानपुर सीट के मतदाता

बीजेपी का गढ़ बना मानपुर: जिस तरह से मानपुर विधानसभा सीट में लगातार भाजपा जीत दर्ज करते आ रही है. उसे देखते हुए कांग्रेस की तैयारी बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है. अगर मानपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को अपनी जीत का खाता खोलना है, तो फिर यहां मीना सिंह जैसे नेताओं के मुकाबले एक मजबूत प्रत्याशी लाना होगा. साथ ही पार्टी में एकजुटता लानी होगी और रणनीति सख्त बनानी होगी. तभी इस विधानसभा सीट में कांग्रेस के जीत की उम्मीदें जाग सकती हैं, क्योंकि मानपुर विधानसभा सीट बीजेपी का अब बड़ा गढ़ बन चुका है.

Last Updated : Sep 6, 2023, 4:41 PM IST
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