उमरिया। जिला अस्पताल की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में कुपोषित बच्चों की मौत के आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिला अस्पताल में कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद अप्रैल से दिसम्बर के बीच 105 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पोषण पुनर्वास केंद्र में भी 25 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस तरह ये आंकड़ा 130 हो जाता है.
बच्चों की मौत के ये आंकड़े एसएनसीयू और एनआरसी में भर्ती बच्चों के हैं, जबकि कई ऐसे भी नवजात हैं, जो अस्पताल पहुंचने के पहले ही मौत के शिकार हो जाते हैं. वहीं जिला अस्पताल के सीएचएमओ डॉ राजेश श्रीवास्तव ने माना है कि, जिले में बच्चों की मृत्युदर ज्यादा है, इसके लिए डॉक्टरों को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन उन्होंने बच्चों की मौत पर किसी प्रकार की लापरवाही से इनकार किया है.
बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग चाहे लाख दावे करे, लेकिन बच्चों की मौत के आकड़े चौकाने वाले हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और अस्पतालों में बच्चों की देखरेख बढ़ा दी गई है.