उमरिया। वैसे तो कोरोना काल में शादियां नही हो पाई है, नवंबर माह से शादियों का दौर चालू हुआ और वैवाहिक समारोह की बाढ़ आ गई. उमरिया जिले के पाली वनपरिक्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां शादी के कार्ड से हुई मुखबिरी से वन विभाग के अमले ने तेंदुए के 4 शिकारियों को पकड़ा है. वहीं कार्ड में लिखे सटीक पते पर तेंदुए के नाखून और अन्य अंग बरामद किए गए हैं.
क्या है पूरा मामला
करीब एक महीने पहले पाली वनपरिक्षेत्र स्थित बरबसपुर बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 576 में एक नर तेंदुए का शव पानी के अंदर मिला था. जिसके नाखून और दांत गायब थे और वनविभाग ने पोस्टमार्टम के बाद बिजली के करंट से मारे जाने की बात कही थी.
शिकारियों ने 2 किलोमीटर बिछाई थी तार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे क्षेत्र में तेंदुए के शिकार की घटना में शिकारियों ने जंगल से गुजर रही हाई टेंसन लाइन में कटिया फ़साकर शिकार की योजना बनाई और करंट की जद में आने से तेंदुए की मौत हो गई.
दांत और नाखून को मछलियों द्वारा खाए जाने की बात कही गई थी. तेंदुए की मौत के बाद मीडिया द्वारा जब शिकार की आशंका की बात कही गई तो डीएफओ आरएस सिकरवार ने बेतुका बयान दिया था कि तेंदुए के दांत और नाखून मछलियों ने खा लिए हैं.
शादी के आमंत्रण कार्ड से मिला सुराग
एक माह गुजर जाने के बाद भी वनविभाग का अमला शिकारियों तक नही पहुंच पाया था. विभाग के हाथ पैर फूल रहे थे दबाव काफी था. शिकारियों के पकड़ने का पर जब एक मुखबिर ने शादी के कार्ड में लाल स्याही से चिट्ठी लिखकर वनविभाग के कार्यालय में गुप्त रूप से फेक दी. जब वन विभाग के अधिकारियों को चिट्ठी मिली तो खुलासा करने के नाम पर खुद की पीठ थपथपाने से बाज नही आए.
चार शिकारियों से जप्त हुए अवशेष
पकड़े गए आरोपी श्यामलाल उर्फ बाबू बैगा,कैलाश बैगा,बहादुर बैगा,रामधनी बैगा के कब्जे से तेंदुए के दांत, नाखून,मुछ,खूंटी, जीआई तार,कुल्हाड़ी, साइकल और सब्बल जप्त किए हैं.
खुली तारों में कटिया लगाकर ग्रामीण फैलाते हैं करंट
जंगलों के बीच से हाईटेंशन लाइन गुजरने की वजह से करंट लगाकर शिकार को बढ़ावा मिल रहा है. गांव में मवेशियों और फसल नुकसान पहुंचाने पर ग्रामीण खेतों में करंट फैला देते है. जंगल की बीज से हाईटेंशन लाइन गुजरने का मुद्दा पिछले कई वर्षों से उठ रहा है. लेकिन स्थितियां जस की तस बनी हुई है. विद्युत विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से अब तक बाघों सहित कई जंगली जानवरों की मौत इस तरीके से हो चुकी है.