उमरिया। शहडोल संभाग में बच्चों की मौत के बाद हालिया दौरे पर आए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के दौरे के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग कुंभकरणी नींद से जागा है. उच्च प्राथमिकता वाले खाद्य सैंपल ना लेने खाद्य सुरक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. एक एएनएम को निलंबित करने के साथ एक अन्य एएनएम का 5 दिनों तक का वेतन काट दिया गया है. इसके अलावा एएनएम को 15 दिनों के अंदर अपना काम ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं.
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं को मैदानी क्षेत्र में प्रभावी तरीके से नहीं पहुंचाने वाले और दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. स्वास्थ विभाग में ऐसे सेवकों के खिलाफ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
कारण बताओ नोटिस जारी
जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजकुमार शुक्ला द्वारा उच्च प्राथमिकता वाले खाद्य सैंपल ना लेने पर और काम प्रकरण बनाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पिछले कुछ दिनों से व्यापारियों ने सैंपलिंग की कार्रवाई पर पक्षपात का आरोप भी लगाया था. व्यापारियों का कहना है कि कार्रवाई मुंह देखी करके की जा रही है. इस तरह विकासखंड मानपुर के चेचरिया में उप स्वास्थ्य में पदस्थ हैं. एएनएम लक्ष्मी वनवासी के मुख्यालय में ना रहने व रिकॉर्ड संधारित नहीं करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से मुक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निलंबित कर दिया गया है.
काटा गया वेतन
इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की प्रत्येक शनिवार को सेक्टर स्तर पर होने वाली मीटिंग का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश श्रीवास्तव द्वारा निरीक्षण किया गया है. जहां सेक्टर सुपरवाइजर अश्वनी त्रिपाठी की लिखित शिकायत और मौके पर उपलब्ध रिकार्डों का परीक्षण करने पर अनियमितता पाए जाने पर संविदा एएनएम अनुसुइया कुशवाहा का 5 दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं. संबंधित एएनएम को कार सुधारने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. संबंधित एएनएम का कार्य सुधार ना पाने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा सकती है.