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आर्थिक तंगी से जूझ रहे अतिथि शिक्षक ने लगाई फांसी, छह माह से नहीं मिला था वेतन - umariya latest news

उमरिया जिले में 6 माह से वेतन नहीं मिलने के चलते एक अतिथि शिक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

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आर्थिक तंगी से जूझ रहे अतिथि शिक्षक ने लगाई फांसी
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Published : Feb 11, 2020, 7:34 PM IST

उमरिया। जिले के चंदिया महाविद्यालय में पिछले 6 साल से बतौर अतिथि शिक्षक क्रीड़ा अधिकारी के रूप में काम कर रहे संजय पासवान ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली. बताया जा रहा है कि संजय को बीते 6 माह से वेतन नहीं मिला था, जिसके चलते परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. मृतक की पत्नी का कहना है कि वेतन नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. बच्चों की फीस तक जमा नहीं कर पाने से मृतक कई दिनों से डिप्रेशन में रहता था.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे अतिथि शिक्षक ने लगाई फांसी


संजय उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे और पिछले 6 साल से चंदिया कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे. नियमितीकरण आंदोलन में भी संजय का खासा योगदान था और उन्होंने एक हफ्ते तक भोपाल में आंदोलन की कमान संभाली थी. वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बजट की कमी के चलते संजय सहित अन्य अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है.


बहरहाल घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं पुलिस का कहना है कि मृतक के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है. फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया है, मामले की गहनता से जांच की जाएगी.

उमरिया। जिले के चंदिया महाविद्यालय में पिछले 6 साल से बतौर अतिथि शिक्षक क्रीड़ा अधिकारी के रूप में काम कर रहे संजय पासवान ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली. बताया जा रहा है कि संजय को बीते 6 माह से वेतन नहीं मिला था, जिसके चलते परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. मृतक की पत्नी का कहना है कि वेतन नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. बच्चों की फीस तक जमा नहीं कर पाने से मृतक कई दिनों से डिप्रेशन में रहता था.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे अतिथि शिक्षक ने लगाई फांसी


संजय उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे और पिछले 6 साल से चंदिया कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे. नियमितीकरण आंदोलन में भी संजय का खासा योगदान था और उन्होंने एक हफ्ते तक भोपाल में आंदोलन की कमान संभाली थी. वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बजट की कमी के चलते संजय सहित अन्य अतिथि शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है.


बहरहाल घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं पुलिस का कहना है कि मृतक के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है. फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया है, मामले की गहनता से जांच की जाएगी.

Intro:Body:आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक अतिथि शिक्षक ने फांसी का फंदा
लगाकर की खुदखुसी,उमरिया जिले के चंदिया महविद्यालय का मामला, पिछले 6 महीने से वेतन के अभाव में परेशान था अतिथि शिक्षक संजय पासवान,परिवार में मातम का माहौल।

उमरिया जिले के चंदिया महविद्यालय में पिछले 6 साल से बतौर अतिथि शिक्षक क्रीड़ा अधिकारी के रूप में काम कर रहे संजय पासवान को पिछले 6 महीने से वेतन नही मिला था जिससे परिवार खासी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था,मृतक की पत्त्नी की माने तो पैसों के अभाव में खासी परेशानी हो रही थी और बच्चो की फीस तक जमा नही कर पाने से पति कुछ दिनों से डिप्रेसन में रहने लगे थे और उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया ।

BYTE-01 लालसा बाई मृतक की पत्नी
BYTE-02 जेपी सिंह चौहान साथी अतिथि शिक्षिक

संजय पासवान उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे और और पिछले 6 साल से चंदिया कालेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे,नियमितीकरण आंदोलन में भी संजय का खासा योगदान था और उन्होंने एक हफ्ते तक भोपाल में आंदोलन की कमान संभाली थी,कालेज प्रबंधन की माने तो बजट की कमी से संजय सहित किसी भी अतिथि शिक्षक को वेतन नही दिया गया ।

BYTE:03- अनुराग सिंह एसडीएम बांधवगढ़
BYTE-04 के के पाण्डेय एसडीओपी उमरिया

बहरहाल घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पँहुच गये है और परिवार को ढाढ़स बंधाने में जुटे है लेकिन पीड़ित परिवार का भविष्य क्या होगा इसका जबाब किसी के पास नही ।। Conclusion:
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