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क्या शिवराज मंत्रिमंडल में विधायक संजय पाठक को मिलेगा स्थान?

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Published : Jan 2, 2021, 7:44 PM IST

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के डेढ़ माह बाद कल रविवार को शिवराज कैबिनेट का विस्तार होना है, इसी पर मंत्री पदों को लेकर चर्चाएं भी जोरों पर है इसी विषय में ईटीवी से बात की विधायक संजय पाठक ने....देखिए खास बातचीत...

Umaria
विधायक संजय पाठक से बातचीत

उमरिया। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के डेढ़ माह बाद शिवराज कैबिनेट में विस्तार को लेकर सुगबुगाहट चालू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद अब कल मंत्री मंडल का विस्तार होना है. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों गोविंद सिंह राजपूत और गोविंद सिंह के सपथ मंत्रिमंडल में सपथ लेने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं.

शिवराज सिंह चौहान के लगभग 15 माह के वनवास को दूर करने में विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक गेम चेंजर की भूमिका में नजर आए थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट सहित तीन हारे हुए मंत्री गिरिराज दंडोतिया, एंडल सिंह कंसाना सहित ईमारती बाई को एडजस्ट करने की चुनौती भी शिवराज सिंह के लिए बनी हुई है. फिलहाल शिवराज मंत्रिमंडल में 6 मत्रियों के लिए जगह खाली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के चक्कर में क्या शिवराज संजय पाठक जैसे उन विधायकों को जगह दे पाएंगे, जिनके सहारे उनकी नैया पार लगी है. इसी सिलसिलो में विधायक संजय पाठक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

विधायक संजय पाठक से बातचीत

प्रश्न: आप शिवराज सिंह के हनुमान है क्या शिवराज सिंह अपने हनुमान की चिंता करेंगे ?

जवाब- मध्यप्रदेश में 15 माह के कुशासन को सभी लोगो ने मिलकर दूर किया है मैं भी उसमे एक सहयोगी की भूमिका में था. सत्ता का परिवर्तन भाजपा के लिए नहीं था सत्ता का परिवर्तन मध्यप्रदेश की गरीब जनता के लिए था जिसे छला जा रहा था,गरीब जनता को सब्जबाग सपने दिखाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी पर कांग्रेस ने जनता को सिर्फ लूटने का काम किया.

प्रश्न: कल हो रहे मंत्रीमण्डल विस्तार में आपको क्या उम्मीदे हैं ?

जवाब- मंत्रिमंडल का विस्तार पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है और भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करता है किसे संगठन में लिया जाए किसे सत्ता में लिया जाए,मुझे जहां जिस तरह की जवाबदारी देंगे वह मुझे शिरोधार्य होगा.

प्रश्न: गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट का नाम बड़ी तेजी से मीडिया में चल रहा है क्या ज्योतिरादित्य खेमा आपके लिए परेशानी का सबब बन रहा है?

जवाब- भारतीय जनता पार्टी में कोई गुट नही है भारतीय जनता पार्टी अपने आप में एक परिवार है. सिंधिया जी जब कांग्रेस में थे तब उनके गुट हुआ करते थे सिंधिया जी जब भाजपा में आए तो दूध और पानी के समान मिल गए है. इसलिए इन बातों को गुट के हिसाब से नही देखा जाना चाहिए और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इन बातों के पक्षधर नहीं है, रही बात तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की तो ये दोनों शिवराज मंत्रिमंडल के मंत्री थे और छः माह की बाध्यता के कारण उन्हें स्तीफा देना पड़ा था अगर उन्हें वापस लिया जा रहा है तो इसमें कोई गलत बात नही है.

प्रश्न: शिवराज मंत्रीमण्डल में अभी 6 मंत्रियों के लिए स्थान रिक्त है ?

जवाब- शिवराज जी के पिछले कार्यकाल में 4 मंत्रियों की जगह पूरे 5 वर्ष खाली रही. वर्तमान में 6 मंत्रियों के लिए स्थान रिक्त है उसमें माननीय मुख्यमंत्री जी निर्णय लेंगे की वो क्या चाहते है और किसको लेंगे साथ में.

प्रश्न : कमलनाथ दो-दो पदों पर आसीन है सब कुछ खत्म होने के बाद भी अभी पदों का मोह नहीं गया

जवाब- देखिए वैसे तो यह कांग्रेस पार्टी का अंदुरुनी मामला है पर मुझे जो प्रतीत हो रहा है उससे तो ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर न नेतृत्व बचा है न संगठन बचा है, नेताविहीन हो चुकी है कांग्रेस पार्टी, कमलनाथ जी अब अकेले बचे है इसलिए उन्हें अकेले ही खींचना पड़ रहा हैं.

प्रश्न: EOW की कार्रवाई को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वेष पूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं?

जवाब- पूरा मध्यप्रदेश गवाह है की द्वेषपूर्ण राजनीति बदला लेने की नीयत से और विपक्ष को कुचलने की नीयत से कांग्रेस सत्ता में काबिज थी और कांग्रेस ने सवासाल के अंदर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज करवाना, उन्हें व्यापारिक नुकसान पहुचाना और नौकरी से निकालने का काम कर द्वेषपूर्ण राजनीति कांग्रेस ने की है,द्वेषपूर्ण राजनीति की शुरुआत भी इन्होंने ही कि है जैसा बीज बोयेंगे वैसा पाएंगे. कमलनाथ सरकार बोलती भर थी कि हम गलत बर्दास्त नही करेंगे, कांग्रेस सिर्फ बोलती थी और हमने कर्णक चालू कर दिया है

प्रश्न : किसान कानून के विरोध को आप कितना जायज मानते है ?

जवाब- किसान कानून को लेकर किसानों को भ्रमित किया गया है किसानो को बोलक गया मंडिया बन्द हो जाएगी समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा जबकि दोनों विषय है ही नहीं पूरे देश में जहां भी किसानों को बरगलाया जा रहा है की मंडिया समाप्त हो जाएगी और समर्थन मूल्य खत्म कर दिया जाएगा केवल भृम फैलाकर आन्दोलन को खड़ा किया गया, यह सिर्फ विपक्ष का षड्यंत्र है यह किसान आंदोलन नहीं है.

उमरिया। मध्यप्रदेश में उपचुनाव के डेढ़ माह बाद शिवराज कैबिनेट में विस्तार को लेकर सुगबुगाहट चालू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद अब कल मंत्री मंडल का विस्तार होना है. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों गोविंद सिंह राजपूत और गोविंद सिंह के सपथ मंत्रिमंडल में सपथ लेने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोर रही हैं.

शिवराज सिंह चौहान के लगभग 15 माह के वनवास को दूर करने में विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक गेम चेंजर की भूमिका में नजर आए थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट सहित तीन हारे हुए मंत्री गिरिराज दंडोतिया, एंडल सिंह कंसाना सहित ईमारती बाई को एडजस्ट करने की चुनौती भी शिवराज सिंह के लिए बनी हुई है. फिलहाल शिवराज मंत्रिमंडल में 6 मत्रियों के लिए जगह खाली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के चक्कर में क्या शिवराज संजय पाठक जैसे उन विधायकों को जगह दे पाएंगे, जिनके सहारे उनकी नैया पार लगी है. इसी सिलसिलो में विधायक संजय पाठक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

विधायक संजय पाठक से बातचीत

प्रश्न: आप शिवराज सिंह के हनुमान है क्या शिवराज सिंह अपने हनुमान की चिंता करेंगे ?

जवाब- मध्यप्रदेश में 15 माह के कुशासन को सभी लोगो ने मिलकर दूर किया है मैं भी उसमे एक सहयोगी की भूमिका में था. सत्ता का परिवर्तन भाजपा के लिए नहीं था सत्ता का परिवर्तन मध्यप्रदेश की गरीब जनता के लिए था जिसे छला जा रहा था,गरीब जनता को सब्जबाग सपने दिखाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी पर कांग्रेस ने जनता को सिर्फ लूटने का काम किया.

प्रश्न: कल हो रहे मंत्रीमण्डल विस्तार में आपको क्या उम्मीदे हैं ?

जवाब- मंत्रिमंडल का विस्तार पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है और भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करता है किसे संगठन में लिया जाए किसे सत्ता में लिया जाए,मुझे जहां जिस तरह की जवाबदारी देंगे वह मुझे शिरोधार्य होगा.

प्रश्न: गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट का नाम बड़ी तेजी से मीडिया में चल रहा है क्या ज्योतिरादित्य खेमा आपके लिए परेशानी का सबब बन रहा है?

जवाब- भारतीय जनता पार्टी में कोई गुट नही है भारतीय जनता पार्टी अपने आप में एक परिवार है. सिंधिया जी जब कांग्रेस में थे तब उनके गुट हुआ करते थे सिंधिया जी जब भाजपा में आए तो दूध और पानी के समान मिल गए है. इसलिए इन बातों को गुट के हिसाब से नही देखा जाना चाहिए और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इन बातों के पक्षधर नहीं है, रही बात तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की तो ये दोनों शिवराज मंत्रिमंडल के मंत्री थे और छः माह की बाध्यता के कारण उन्हें स्तीफा देना पड़ा था अगर उन्हें वापस लिया जा रहा है तो इसमें कोई गलत बात नही है.

प्रश्न: शिवराज मंत्रीमण्डल में अभी 6 मंत्रियों के लिए स्थान रिक्त है ?

जवाब- शिवराज जी के पिछले कार्यकाल में 4 मंत्रियों की जगह पूरे 5 वर्ष खाली रही. वर्तमान में 6 मंत्रियों के लिए स्थान रिक्त है उसमें माननीय मुख्यमंत्री जी निर्णय लेंगे की वो क्या चाहते है और किसको लेंगे साथ में.

प्रश्न : कमलनाथ दो-दो पदों पर आसीन है सब कुछ खत्म होने के बाद भी अभी पदों का मोह नहीं गया

जवाब- देखिए वैसे तो यह कांग्रेस पार्टी का अंदुरुनी मामला है पर मुझे जो प्रतीत हो रहा है उससे तो ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर न नेतृत्व बचा है न संगठन बचा है, नेताविहीन हो चुकी है कांग्रेस पार्टी, कमलनाथ जी अब अकेले बचे है इसलिए उन्हें अकेले ही खींचना पड़ रहा हैं.

प्रश्न: EOW की कार्रवाई को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वेष पूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं?

जवाब- पूरा मध्यप्रदेश गवाह है की द्वेषपूर्ण राजनीति बदला लेने की नीयत से और विपक्ष को कुचलने की नीयत से कांग्रेस सत्ता में काबिज थी और कांग्रेस ने सवासाल के अंदर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज करवाना, उन्हें व्यापारिक नुकसान पहुचाना और नौकरी से निकालने का काम कर द्वेषपूर्ण राजनीति कांग्रेस ने की है,द्वेषपूर्ण राजनीति की शुरुआत भी इन्होंने ही कि है जैसा बीज बोयेंगे वैसा पाएंगे. कमलनाथ सरकार बोलती भर थी कि हम गलत बर्दास्त नही करेंगे, कांग्रेस सिर्फ बोलती थी और हमने कर्णक चालू कर दिया है

प्रश्न : किसान कानून के विरोध को आप कितना जायज मानते है ?

जवाब- किसान कानून को लेकर किसानों को भ्रमित किया गया है किसानो को बोलक गया मंडिया बन्द हो जाएगी समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा जबकि दोनों विषय है ही नहीं पूरे देश में जहां भी किसानों को बरगलाया जा रहा है की मंडिया समाप्त हो जाएगी और समर्थन मूल्य खत्म कर दिया जाएगा केवल भृम फैलाकर आन्दोलन को खड़ा किया गया, यह सिर्फ विपक्ष का षड्यंत्र है यह किसान आंदोलन नहीं है.

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