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दौरे पर उमरिया जिला अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी,बर्खास्त स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध - उमरिया न्यूज

शहडोल और अनूपपुर का निरीक्षण करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी उमरिया जिला अस्पताल पहुंचे, जहां अस्पताल की व्यवसथा देखी और डॉक्टरों से चर्चा की. जिसके बाद मीडिया के सवालों से बचते हुए प्रभुराम चौधरी यहां से रवाना हो गए.

Health workers protested
स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध
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Published : Dec 9, 2020, 10:41 AM IST

उमरिया। शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में 12 दिनों में 18 बच्चों की मौत के मामले में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने शहडोल और अनूपपुर का निरीक्षण किया. जिसके बाद उमरिया जिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां उन्होनें अस्पताल की व्यवसथा देखी और डॉक्टरों से चर्चा की. इस दौरान बर्खास्त कोरोना योद्धा( स्वास्थ्य कर्मी) ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का विरोध किया. जिसके बाद मीडिया के सवालों से बचते हुए प्रभुराम चौधरी यहां से रवाना हो गए.

संभाग के तीनों जिलों में होगा डोर टू डोर सर्वे
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहडोल संभाग के तीनों जिलों की समीक्षा बैठक की गई है. संभाग के तीनों जिलों शहडोल,अनूपपुर और उमरिया में स्वास्थ्य विभाग का नीचे का अमला आशा और एएनएम कार्यकर्ता घर घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. आशा और एएनएम कार्यकर्ता बच्चों के स्वास्थ्य के साथ साथ कुपोषण की भी जानकारी लेंगी. साथ ही यदि कोई बच्चा बीमार है तो उस बच्चे को हमारे स्वास्थ्य कर्मी जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती करने में मदद करेंगे. जिससे संभाग में अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही स्वास्थ्य विभाग का अब पूरा प्रयास रहेगा कि इन तीन जिलों में यदि कोई बच्चा बीमार है या कुपोषित है, तो ऐसे सभी बच्चों को विभाग आऐडेन्टिफिएड करेगा साथ ही उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाएगी.

सवालों से बचते रहे मंत्री
सवालों से बचते नजर आए स्वास्थ्य मंत्री

जिला अस्पताल उमरिया में तमाम व्यवस्थाएं होने के वावजूद भी यहां से दो बच्चों को शहडोल रेफर कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई है. जब मंत्री जी से इसे लेकर सवाल पूछा गया कि जिला चिकित्सालय मात्र रेफर सेंटर बन कर रह गया है, तो वह सवालों से बचते नजर आए. उनका कहना है कि उमरिया जिले के जो गांव शहडोल से लगें है. वहां के बच्चों को शहडोल रेफर किया जाता है. हालांकि जिला मुख्यालय उमरिया के रहने वाले एक बच्चे को शहडोल जिला आस्पताल में रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. साथ ही बच्चे के मृत शरीर को लाने के लिए दिव्यांग सोहन चौधरी को उधार लेकर स्वयं के साधन से घर लाना पड़ा था.

स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध
कोविड स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों ने का हंगामाजिला अस्पताल का निरीक्षण पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को कोरोना योद्धा (स्वास्थ्य कर्मियों) का विरोध का जमकर सामना करना पड़ा. स्वास्थ्यकर्मी ने जब बर्खास्त होने पर मंत्री से सवाल किया, तो बिना जवाज दिए प्रभुराम चौधरी वहां से चले गए. वहीं जब मीडिया ने उनसे स्वास्थ्य कर्मियों के बर्खास्त करने पर सवाला किया तो, उन्होनें गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि कोविड 19 के लिए कोविड सेंटर बनाए गए थे. जिसके लिए जिल में कलेक्टर्स ने टेम्परेरी तीन-तीन महीनों के लिए काम पर रखा था. किसी की न तो भर्ती हुई है ना ही कोई पोस्ट निकली है. ना ही कोई भर्ती का नियम था, लेकिन हमारी सहानुभूति स्वास्थ्य कर्मियों के साथ है जो भी हो सकेगा उसका हम भविष्य में ध्यान रखेंगे। मंत्री जी भूल गए कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा 23 मार्च 2020 को जारी पत्र के आधार पर ही जिलों में एमबीबीएस चिकित्सक/पीजीएमओ एवं आयुष साथ है.

होगी भ्रष्टाचार की जांच
शहडोल और अनूपपुर के दौरे के बाद उमरिया पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को मीडिया में आड़े हाथों लिया और सीएमएचओ राजेश श्रीवास्तव के द्वारा की जा रही अनियमितता के बारे में जब बताया गया तो मंत्री ने जांच की बात कही है अब जांच कैसी होगी मंत्री जी ने तो ये नही बताया पर जाँच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है.

बता दें कि कोविड-19 के दौरान भर्ती किए गए नर्सेज, जीएनएम, एएनएम, और लैब टेक्नीशियन को अब सरकार नौकरी से निकाला रही है. इसके विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने प्रदेश के कई जिलों में किया था.

उमरिया। शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में 12 दिनों में 18 बच्चों की मौत के मामले में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने शहडोल और अनूपपुर का निरीक्षण किया. जिसके बाद उमरिया जिला चिकित्सालय पहुंचे. यहां उन्होनें अस्पताल की व्यवसथा देखी और डॉक्टरों से चर्चा की. इस दौरान बर्खास्त कोरोना योद्धा( स्वास्थ्य कर्मी) ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का विरोध किया. जिसके बाद मीडिया के सवालों से बचते हुए प्रभुराम चौधरी यहां से रवाना हो गए.

संभाग के तीनों जिलों में होगा डोर टू डोर सर्वे
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहडोल संभाग के तीनों जिलों की समीक्षा बैठक की गई है. संभाग के तीनों जिलों शहडोल,अनूपपुर और उमरिया में स्वास्थ्य विभाग का नीचे का अमला आशा और एएनएम कार्यकर्ता घर घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. आशा और एएनएम कार्यकर्ता बच्चों के स्वास्थ्य के साथ साथ कुपोषण की भी जानकारी लेंगी. साथ ही यदि कोई बच्चा बीमार है तो उस बच्चे को हमारे स्वास्थ्य कर्मी जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती करने में मदद करेंगे. जिससे संभाग में अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. साथ ही स्वास्थ्य विभाग का अब पूरा प्रयास रहेगा कि इन तीन जिलों में यदि कोई बच्चा बीमार है या कुपोषित है, तो ऐसे सभी बच्चों को विभाग आऐडेन्टिफिएड करेगा साथ ही उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाएगी.

सवालों से बचते रहे मंत्री
सवालों से बचते नजर आए स्वास्थ्य मंत्री

जिला अस्पताल उमरिया में तमाम व्यवस्थाएं होने के वावजूद भी यहां से दो बच्चों को शहडोल रेफर कर दिया गया था, जहां उनकी मौत हो गई है. जब मंत्री जी से इसे लेकर सवाल पूछा गया कि जिला चिकित्सालय मात्र रेफर सेंटर बन कर रह गया है, तो वह सवालों से बचते नजर आए. उनका कहना है कि उमरिया जिले के जो गांव शहडोल से लगें है. वहां के बच्चों को शहडोल रेफर किया जाता है. हालांकि जिला मुख्यालय उमरिया के रहने वाले एक बच्चे को शहडोल जिला आस्पताल में रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. साथ ही बच्चे के मृत शरीर को लाने के लिए दिव्यांग सोहन चौधरी को उधार लेकर स्वयं के साधन से घर लाना पड़ा था.

स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध
कोविड स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों ने का हंगामाजिला अस्पताल का निरीक्षण पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को कोरोना योद्धा (स्वास्थ्य कर्मियों) का विरोध का जमकर सामना करना पड़ा. स्वास्थ्यकर्मी ने जब बर्खास्त होने पर मंत्री से सवाल किया, तो बिना जवाज दिए प्रभुराम चौधरी वहां से चले गए. वहीं जब मीडिया ने उनसे स्वास्थ्य कर्मियों के बर्खास्त करने पर सवाला किया तो, उन्होनें गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि कोविड 19 के लिए कोविड सेंटर बनाए गए थे. जिसके लिए जिल में कलेक्टर्स ने टेम्परेरी तीन-तीन महीनों के लिए काम पर रखा था. किसी की न तो भर्ती हुई है ना ही कोई पोस्ट निकली है. ना ही कोई भर्ती का नियम था, लेकिन हमारी सहानुभूति स्वास्थ्य कर्मियों के साथ है जो भी हो सकेगा उसका हम भविष्य में ध्यान रखेंगे। मंत्री जी भूल गए कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा 23 मार्च 2020 को जारी पत्र के आधार पर ही जिलों में एमबीबीएस चिकित्सक/पीजीएमओ एवं आयुष साथ है.

होगी भ्रष्टाचार की जांच
शहडोल और अनूपपुर के दौरे के बाद उमरिया पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को मीडिया में आड़े हाथों लिया और सीएमएचओ राजेश श्रीवास्तव के द्वारा की जा रही अनियमितता के बारे में जब बताया गया तो मंत्री ने जांच की बात कही है अब जांच कैसी होगी मंत्री जी ने तो ये नही बताया पर जाँच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है.

बता दें कि कोविड-19 के दौरान भर्ती किए गए नर्सेज, जीएनएम, एएनएम, और लैब टेक्नीशियन को अब सरकार नौकरी से निकाला रही है. इसके विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने प्रदेश के कई जिलों में किया था.

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