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रेत खदान की लड़ाई में गई एक की जान, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल - sand mine in umariya

रेत व्यवसाय के वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष हुआ. इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग में एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए.

Bloody struggle in the battle
वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष
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Published : Dec 15, 2019, 12:03 AM IST

उमरिया। रेत व्यवसाय के वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष हुआ. इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग में एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जा रहा है कि तकरीबन दोनों पक्ष के दो दर्जन लोग शामिल थे. जो कि घटना के बाद से फरार है.मृतक युवक सतेन्द्र उपाध्याय करकेली गांव का रहने वाला था. जबकि दोनों घायल वीरेन्द्र सिंह सेंगर उमरिया और आलोक सिंह सेंगर करकेली को इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है.

इस पूरे गोलीकांड का मास्टर माइंड पवन पाठक नामक हिस्ट्रीशीटर शूटर को माना जा रहा है. जो कि पिछले एक महीने से जिले में सक्रिय था.बाबजूद इसके पुलिस सोती रही और वारदात हो गई. इसके के साथ रेत कारोबारी नीरज त्रिपाठी और शशिकांत शुक्ला को नामजद आरोपी बनाये गये है,लेकिन सभी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

उमरिया। रेत व्यवसाय के वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष हुआ. इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग में एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जा रहा है कि तकरीबन दोनों पक्ष के दो दर्जन लोग शामिल थे. जो कि घटना के बाद से फरार है.मृतक युवक सतेन्द्र उपाध्याय करकेली गांव का रहने वाला था. जबकि दोनों घायल वीरेन्द्र सिंह सेंगर उमरिया और आलोक सिंह सेंगर करकेली को इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है.

इस पूरे गोलीकांड का मास्टर माइंड पवन पाठक नामक हिस्ट्रीशीटर शूटर को माना जा रहा है. जो कि पिछले एक महीने से जिले में सक्रिय था.बाबजूद इसके पुलिस सोती रही और वारदात हो गई. इसके के साथ रेत कारोबारी नीरज त्रिपाठी और शशिकांत शुक्ला को नामजद आरोपी बनाये गये है,लेकिन सभी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

Intro:उमरिया जिले में रेत कारोबार में गैंगवार,अंधाधुंध फायरिंग में एक की मौके पर मौत,दो युवक गंभीर,वर्चस्व की लड़ाई में भिड़े माफिया,पुलिस की भूमिका सवालो के घेरे में ।Body:उमरिया जिले में रेत कारोबार में गैंगवार,अंधाधुंध फायरिंग में एक की मौके पर मौत,दो युवक गंभीर,वर्चस्व की लड़ाई में भिड़े माफिया,पुलिस की भूमिका सवालो के घेरे में |
प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के माफिया राज के खात्मे का एलान करते ही उमरिया जिले में रेत माफिया के तांडव से न सिर्फ जिले की अवाम सहम गई है बल्कि कांग्रेस की सरकार और अपराधों पर लगाम कसने के लिए जिम्मेदार पुलिस महकमा भी कठघरे में खड़ा है वाकया कटनी जिले की सीमा पर स्थित खैरभार की बंद पड़ी उस रेत खदान का है जंहा पिछले 6 महीने से रेत के काले कारोबार में सब डुबकी लगाते रहे और किसी ने इस पर लगाम नही कसी नतीजा सामने है,बीतीरात रेत माफियाओं के बीच विवाद गैंगवार में बदला और अंधाधुंध फायरिंग से सोती हुई अवाम दहल उठी,कारोबार में शामिल एक युवक के सीने में गोली लगने से मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दो युवक गोली लगने से गंभीर है घटना की भयावहता का अंदाज गोलियो से छलनी मोके पर पड़ी गाड़ियां से लगाया जा सकता है कि मंजर कितना खतरनाक रहा होगा
BYTE:02-पुष्पराज सिंह स्थानीय ग्रामीण
BYTE:03-राकेश शर्मा बीजेपी नेता
VO:देर रात हुई वारदात में माना जा रहा है कि तकरीबन दोनों पक्ष के दो दर्जन लोग शामिल थे जो कि घटना के बाद से फरार है मृतक युवक सतेन्द्र उपाध्याय करकेली गाँव का रहने वाला था जबकि दोनों घायल वीरेन्द्र सिंह सेंगर उमरिया और आलोक सिंह सेंगर करकेली को इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है घटना के बाद जैसा कि पुलिश सक्रिय होती है वैसा ही हुआ और जाँच और विवेचना की बात दोहराई जा रही है,हैरानी की बात तो यह कि सब कुछ जानने के बाद भी बंद रेत खदान में अवैध गतिविधियों से पुलिस कैसे अंजान रही इसका जबाब पुलिस के पास नही
BYTE:01-रेखा सिंह एडिशनल एसपी
VO:गौरतलब है कि इस पूरे गोलीकांड का मास्टर माइंड पवन पाठक नामक हिस्ट्रीशीटर शूटर को माना जा रहा है जो कि पिछले एक महीने से जिले में सक्रिय था बाबजूद इसके पुलिस सोती रही और वारदात हो गई,इसके साथ रेत कारोबारी नीरज त्रिपाठी और शशिकांत शुक्ला को नामजद आरोपी बनाया गया है लेकिन सभी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है,बहरहाल रेत कारोबार में वर्चस्व को लेकर हुए संघर्ष से जिले में दहशत का माहौल है और लोग सहमे हुए है ।Conclusion:
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