उमरिया। बांधवगढ टाइगर रिजर्व की एसडीओ रैंक की फीमेल डॉग बैली की मौत हो गई है. जिले मे लंबे समय तक अपनी सूझबूझ से आपराधिक मामलों के खुलासों मे महत्वपूर्ण योगदान देने वाली मादा डॉग बैली का शनिवार को स्थानीय पुलिस लाईन परिसर मे राजकीय सम्मान के सांथ अंतिम संस्कार किया गया, इस अवसर पर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के सहायक संचालक विवेक सिंह, अनुविभागीय अधिकारी दिलीप कुमार मराठा, फते सिंह निनामा सहित वन विभाग तथा पुलिस के कई अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे.
ड्यूटी के दौरान बिगड़ी थी बैली की तबीयत: प्रभारी रंजन सिंह परिहार ने बताया कि "बीते गुरूवार को पार्क में शिकार के प्रकरण का मुआयना करने के दौरान ही अचानक बैली की तबियत खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे तत्काल उमरिया लाया गया था. जांच मे शरीर का तापमान अधिक पाए जाने पर मादा डॉग को आवश्यक दवायें, ड्रिप आदि दी गई, लेकिन उसके स्वास्थ्य मे सुधार नहीं हो सका. मौत के बाद बैली के शव का पोस्टमार्टम जबलपुर में कराया गया, जहां से वापस आने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया."
6 वर्ष की उम्र में डॉग बैली का निधन: डॉग बैली का जन्म मार्च 2017 में हुआ था, डॉग बैली बांधवगढ टाइगर रिजर्व में रहकर लगातार अपराधों मे रोकथाम और अपराधियों को पकड़वाने में मदद करती थी. डॉग बैली का प्रशिक्षण राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केन्द्र टेकनपुर, ग्वालियर में हुआ था, डॉग बैली की उम्र 6 वर्ष थी.
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डॉग बैली ने निभाई स्नाईफर और ट्रेकर की भूमिका: एसडीओ रैंक की डॉग बैली स्नाईफर और ट्रेकर दोनो विधाओंं मे प्रशिक्षित थी, लिहाजा उसे वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा जांच के अलावा गंभीर अपराधों की पतासाजी के लिये उमरिया जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश मे ले जाया जाता था. बैली ने बांधवगढ टाइगर रिजर्व में 86 वन्य प्राणियों के अपराधों को पकड़वाने के साथ 101 अपराधियों को गिरफ्तार करवाया. राज्य के विभिन्न स्थानों में घटित अपराधों के नियंत्रण में महती भूमिका तथा अनुशासन के कारण बैली को अनेक बार पुरूस्कृत किया गया.