उमरिया। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी जमीन तलाशने के लिए जुटे हुए हैं और प्रत्याशियों के टिकट वितरण को लेकर भी जमीनी सर्वे हो रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट में 29 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाली सीट और मंत्री मीना सिंह की विधानसभा मानपुर में आम आदमी पार्टी ने भाजपा से बागी होकर आई उषा कोल को अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले पहली सूची में 10 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था.
उषा कोल नगर पालिका में अध्यक्ष रह चुकी हैं: उषा कोल मानपुर विधानसभा के बिरसिंहपुर पाली की रहने वाली है और बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका में अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. 2022 में नाराज उषा कोल ने भाजपा से बागी होकर नगर पालिका पाली में निर्दलीय पार्षद पद से चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी. उषा कोल के टिकट मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने बताया कि ''हम जनता के बीच जाकर जाएंगे, हमारा जनसंपर्क लगातार जारी है और हम जीतेंगे.''
उषा कोल 2015 में भाजपा की ली सदस्यता: उषा कोल ने 2015 में भाजपा की सदस्यता ली और राजनीति की शुरुआत की. 2017 से 2022 तक नगर पालिका पाली की अध्यक्ष रहीं. 2020 से 2022 तक भाजपा जिला संगठन में जिला उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. साथ ही 2022 के हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़ी और जीत हासिल की. साथ ही आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेने के बाद वर्तमान में आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव हैं.
मंत्री मीना सिंह से हो सकता है सामना: ऊषा कोल मानपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी के तौर पर जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह का सामना करेंगी. हालांकि अभी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी टिकट की घोषणा नहीं की है, लेकिन पिछले तीन कार्यकाल से मीना सिंह ही मानपुर विधानसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी रही हैं और उन्होंने हर बार चुनाव जीतकर अपने प्रतिद्वंदियों को करारी मात भी दी है. आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं ऊषा कोल को भी मंत्री मीना सिंह का ही सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में मानपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव काफी दिलचस्प भी होने की उम्मीद है.
मतभेद के चलते दिया था भाजपा से इस्तीफा: ऊषा कोल ने पिछले वर्ष नगर पालिका चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया था. जबकि वर्ष 2017 में हुए नगर पालिका परिषद के चुनाव में पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाया था. दरअसल बीते 5 वर्षों में जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह के पार्टी के ही बिरसिंहपुर पाली के कुछ नेताओं से मतभेद शुरू हो गए थे. इस दौरान ऊषा जनजातीय कार्य मंत्री के विरोधी गट में शामिल हो गई थीं. परिणाम स्वरूप उन्हें नगर पालिका परिषद के चुनाव में पिछले वर्ष टिकट नहीं दिया गया. अध्यक्ष पद का टिकट नहीं मिलने की वजह से ऊषा कोल पार्टी से खफा हो गईं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और पार्षद का चुनाव जीत गईं, लेकिन अध्यक्ष फिर भी नहीं बन सकीं. Usha Kol Resign from BJP