उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर एक बार फिर मामला गरमा गया है. पिछले दिनों भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को गर्भगृह में जाने दिया था. शुक्रवार को मंदिर प्रशासन के पुजारी के परिवार की 25 महिलाओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया गया. दरअसल पुजारी के परिवार की महिलाओं का प्रदोष पर्व था. जिसके कारण पुजारी ने अपने परिवार की महिला मंदिर में प्रवेश दिया और सुबह 8 से 9 बजे तक जल चढ़ाने का समय भी दे दिया. इसको लेकर अब आम दर्शनार्थियों को भी प्रवेश देने को लेकर चर्चा उठने लगी है.
कोरोना के कारण गर्भगृह में प्रवेश पर लगी रोक
कोरोना संक्रमण को देखते हुए करीब डेढ़ वर्ष से महाकाल मंदिर के गर्भ ग्रह में दर्शनार्थियों के जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. पूजन कार्य के लिए केवल सीमित मात्रा में पुजारी पुरोहितों को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति है. इन नियमों के बावजूद 13 अगस्त को नाग पंचमी पर्व पर भाजपा नेता सहित कुछ लोगों ने भस्म आरती के पहले गर्भ ग्रह में जाकर जल अर्पित किया था.
कलेक्टर की अनुमति पर मिला प्रवेश
वहीं शुक्रवार को सुबह 8 बजे से 9 बजे तक मंदिर के पुजारी परिवार की महिलाओं को जल अर्पित करने के लिए प्रवेश दिया. इस दौरान करीब 20 से अधिक महिलाओं ने गर्भगृह में पहुंचकर पूजा अर्चना कर जल अर्पित किया. मौके पर मौजूद मंदिर समिति के सहायक प्रशासक प्रतिक द्विवेदी ने बताया कि कलेक्टर साहब के निर्देश होने पर 1 घंटे के लिए पुजारी परिवार की महिलाओं को जल अर्पित करने की अनुमति दी है.
लोटे की जगह घड़े से भी अर्पित हो रहा जल
महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के शिवलिंग क्षरण की स्थिति बनने के कारण उच्चतम न्यायालय ने सीमित मात्रा में आरओ वाटर, शुद्ध दूध, दही और पंचामृत का उपयोग करने के साथ ही प्रतिदिन संध्या पूजन के पश्चात भांग से होने वाले श्रंगार की मात्रा भी तय की है. इसके बाद भी नियमों के विपरीत बड़े बर्तनों से जल अर्पित किया जा रहा है. शुक्रवार को सुबह भी यही स्थिति बनी.