उज्जैन। जिले में शादी-विवाह पर रोक के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं. जिसके बाद अब उज्जैन में प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है. कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किए हैं कि 10 मई के बाद हुई शादी-विवाह के पंजीयन नहीं होंगे, यदि गलती से पंजीयन जारी हो भी गए तो ऐसे पंजीयनों को निरस्त किया जाएगा. वहीं इसके अलावा कलेक्टर ने एक महिला सरपंच के खिलाफ कार्रवाई भी की है. क्योंकि सरपंच ने रोक के बाद भी अपनी दो बेटियों की शादी कराई थी.
सरपंच के खिलाफ कार्रवाई
दरअसल, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को खबर लगी थी कि जिले के रुनीजा में महिला सरपंच और उसके पति ने मिलकर 13 मई को अपनी दोनों बेटियों की शादी चोरी-छुपे करा दी है. जिसके बाद मामले पर कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले पर FIR दर्ज कराने के आदेश दिए. वहीं कलेक्टर ने महिला सरपंच को उनके पद से हटाने के भी आदेश दिए हैं. प्रशासन का मानना है कि प्रतिबंध के बाद भी लोगों ने चोरी-छिपे शादी की है. इसलिए इसे कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती. इस संबंध में प्रशासन द्वारा 5 मई से धारा-144 के तहत विवाह पर रोक लगा दी गई थी.
13 मई के तहसीलदार ने पकड़ा था रंगे हाथ
आपको बता दें, बड़नगर तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम रुनीजा में महिला सरपंच मधु बैरागी के यहां 13 मई को विवाह समारोह चल रहा था. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस और नायब तहसीलदार नवीन सलोतरा मौके पर पहुंचे. जहां करीब 20 से 25 लोग की भीड़ इकट्ठा थी और शादी की पूरी व्यवस्था की गई थी. वहीं मामले में सरपंच पति ने बताया कि उनके घर में 50 लोगों के लिए खाना बनाया गया है. जिस पर प्रशासन द्वारा धारा-188 की कार्यवाही की गई. साथ ही सरपंच पति को मौके से गिरफ्तार भी किया गया.
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कलेक्टर का सख्त आदेश
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, 'पूर्व में दी गई विवाह की सभी अनुमतियों को भी निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद भी चुप-चाप विवाह आयोजित किए गए हैं. यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया है. ऐसे सभी विवाह के पंजीयन नहीं करने के लिए नगरीय निकायों, ग्राम पंचायतों को आदेश दिया गया है. आदेश में साफ कर दिया गया है कि 10 मई के बाद के विवाह यदि गलती से पंजीकृत हो गए हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए.'