उज्जैन। संभाग स्तर का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल यानि की उज्जैन जिला अस्पताल आए दिन चर्चाओं में रहता है. कभी परोसी गई दाल में कीड़े के लिए, कभी कड़कड़ाती ठंड में जमीन पर लेटे हुए मरीजों के लिए तो कभी लिफ्ट की परेशानी के लिए. इस बार उज्जैन जिला अस्पताल के चरक भवन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वहां हो रहे गोरखधंधे का खुलासा होता साफ नजर आ रहा है. मामला गर्भवती महिलाओं से जुड़ा हुआ है. वीडियो वायरल होने के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है.
सरकारी अस्पताल पहुंची निजी एंबुलेंस
वीडियो महिला डिलीवरी सेंटर चरक भवन के गेट का है. जिसमें साफ नजर आ रहा है कि गर्भवती महिला को लेने के लिए एक निजी अस्पताल की एंबुलेंस सरकारी अस्पताल के गेट पर पहुंची है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल के जिम्मेदार ने निजी अस्पताल से सांठगांठ कर रखी हैं, जिस कारण मरीजों की जहां जेब खाली हो रही हैं. वहीं निजी अस्पताल संचालक और जिला अस्पताल के डॉक्टर मालामाल हो रहे हैं.
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अटेंडर दे रहा निजी अस्पताल जाने की सलाह
जानकारी के मुताबिक संभाग स्तर पर करीब 450 महिला गर्भवती सेंटर में रोजाना 5 से 6 महिलाएं आती हैं. अटेंडर चेक करने की जिम्मेदारी से बचने और लालच के लिए महिलाओं को निजी अस्पताल में जाने की सलाह देते हैं. साथ ही यहां सरकारी अव्यवस्थाओं का हवाला देकर भय भी पैदा करते हैं, जिससे मरीज के परिजन घबरा जाते हैं. फिर वे खुद ही महिलाओं को निजी अस्पताल ले जाते हैं.
नार्मल डिलीवरी को भी बताते हैं सीरियस
इस पूरे मामले में आश्चर्यजनक बात यह है कि सारी व्यवस्था अटेंडर करता है. वे नॉर्मल डिलीवरी को सीरियस बताते हैं. रोजाना होने वाला ये कृत्य को जिम्मेदारों की आंखों के सामने किया जाता है, लेकिन कोई नहीं रोकता.
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जांच की कही बात
जब इस मामले पर कलेक्टर आशीष सिंह से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि मेरे पास मामले की जानकारी आई है. अब तक ऐसे कोई तथ्य नहीं मिले हैं. कोई भी तथ्य मिलते हैं तो हम जांच करवाएंगे. अगर इसमें शासकीय लोग भी शामिल पाए जाते हैं तो उन पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाया जाएगा.