उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) कभी पेपर लीक की शिकायत तो कभी वेबसाइट हैक होने की शिकायत को लेकर सुर्खियों में रहता है, इस बार पाठ्यक्रम में ऐसे विषय को शामिल करने को लेकर चर्चा में है, जोकि होता ही नहीं है. हाल ही में विक्रम विश्वविद्यालय ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से करीब 130 पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया का शुभारंभ कराया था. खास बात यह है कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विवरण पुस्तिका में एमएससी ऑनर्स पाठ्यक्रम का उल्लेख भी किया गया है, जबकि देश में कहीं भी पीजी पाठ्यक्रम में ऑनर्स होता ही नहीं है. ऑनर्स केवल अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में ही होता है. इस भ्रामक सूचना के चलते छात्र परेशान हो रहे हैं. पिछले दिनों विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित अध्ययनशालाओं में विभिन्न विषयों के अंतर्गत 130 पाठ्यक्रमों का अध्यापन शुरू किया गया है.
पाठ्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी मौजूद रहे, ऐसे में विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के कारण नए पाठ्यक्रमों के तैयार किए गए ब्रोशर में एमएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर (MSc honours in Agriculture), एमएससी ऑनर्स हॉर्टिकल्चर (MSc honours in Horticulture), एमएससी ऑनर्स फॉरेस्ट्री (MSc honours in Forestry) विषय के नए पाठ्यक्रम शुरू करने का उल्लेख किया है.
विक्रम यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर आपस में भिड़े, कुलपति ने दी चेतावनी
विश्वविद्यालय (Vikram University) के विद्यार्थी कल्याण संकाय के अध्यक्ष डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि ऑनर्स केवल यूजी कोर्स में होता है, पीजी कोर्स में ऑनर्स कहीं नहीं होता है, पीजी कोर्स में एक विषय की विशेषता होती है, इसलिए ऑनर्स नहीं होता है. यूजी में ऑनर्स होने से किसी एक विषय पर विशेषज्ञता होती है. उनकी जानकारी में अन्य किसी विश्वविद्यालय में एमएससी ऑनर्स पाठ्यक्रम का संचालन नहीं होता है.
कुलपति ने गलती दिखाने की कही बात
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) के कुलपति (Vice Chancellor) प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डे ने कहा कि एमएससी ऑनर्स पाठ्यक्रम नहीं होता है, ऑनर्स पाठ्यक्रम केवल यूजी (स्नातक स्तर) के कोर्स में रहता है, विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ब्रोशर में एमएससी ऑनर्स पाठ्यक्रम कैसे प्रकाशित हुआ है, इसको चेक कराता हूं.
इससे पहले विक्रम विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर्स के बीच मारपीट का मामला सुर्खियों में था, जबकि प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड को लेकर भी यूनिवर्सिटी चर्चा में रही है, तब एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर प्रोफेसर की हत्या का आरोप लगा था. इसके अलावा एनएसयूआई ने एक बार विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की थी. एबीवीपी के कार्यकर्ता और एनएसयूआई के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे.