उज्जैन। इंदौर रोड स्थित सेतु विभाग की जमीन पर बसे मोती नगर को हटाने के बाद नगर निगम के सदन में भाजपाई-कांग्रेसी आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए हंगामा किए, भाजपाइयों का कहना था कि प्रदेश सरकार के इशारे पर ये कार्रवाई हुई है, जबकि कांग्रेसियों ने निगम के बीजेपी बोर्ड पर मोती नगर के रहवासियों की अनदेखी का आरोप लगाकर हंगामा किया.
बीजेपी पार्षद और महापौर का आरोप है कि प्रदेश सरकार के इशारे पर ये कार्रवाई की गई और मकर संक्रांति जैसे त्योहार पर लोगों को बेघर कर दिया गया. जिसके बाद कांग्रेस पार्षद और नेता प्रतिपक्ष बीजेपी के सामने आ गए और आरोपों को निराधार बताते हुए हंगामा करने लगे. सदन में नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों ने आरोप लगाया कि बीजेपी का बोर्ड नगर निगम में है और उन्हें मोती नगर के रहवासियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था पहले करनी थी, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गयी.
मोती नगर के रहवासियों के मकान तोड़ने की जो कार्रवाई हुई है. वो हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी, लेकिन स्थानीय भाजपा बोर्ड को यहां 103 परिवार जिनकी रात खुले में बीती है, उन्हें उचित जगह मुहैया कराना था.