उज्जैन। महाकाल मंदिर में VIP दर्शन के नाम पर बीते एक हफ्ते से 1500 वाले टिकट काउंटर पर रोजाना हंगामे की स्थिति बन रही है. यहां श्रद्धालु दिन भर परेशान हो रहे हैं. टिकट नहीं मिलने से हंगामा हो रहा है. हंगामें को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक बुलाई. इस बैठक में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निर्णय लिया गया कि, गर्भगृह में फोटोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित की जाएगी. 1500 की टिकट वाले श्रद्धालुओं को दर्शन होते ही बाहर निकाला जाएगा, ताकि अन्य श्रद्धालुओं को समय पर दर्शन मिल सके.
पंडे पुजारियों को निर्देश जारी: महाकालेश्वर मंदिर में देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है, लेकिन प्रशासन ने सीमित कोटा कर रखा है. जिसमें 1500 रुपये की रसीद कटवा कर दो लोगों को गर्भगृह में जाने की अनुमति मिलती है. अनुमति के लिए लंबी-लंबी कतार काउंटर पर लग जाती है. जिसके कारण विवाद की स्थिति बन जाती है. 2 दिन से हो रहे विवाद के बाद शनिवार को आखिरकार महाकाल मंदिर प्रबंधक समिति की बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया है कि, गर्भगृह के अंदर जो श्रद्धालु जाते हैं उनको सीमित समय में दर्शन करके बाहर आना होगा. पंडे पुजारियों को भी निर्देश दिए जाएंगे कि, वह 2 मिनट में श्रद्धालुओं को दर्शन करा कर बाहर करें, ताकि दूसरे श्रद्धालुओं को भी मौका मिल सके. पीछे से दर्शन करने वालों को कोई असुविधा ना हो.
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फोटोग्राफी में लगा प्रतिबंधित: रोजाना बन रही हंगामे की स्थिति के बाद शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रशासक संदीप सोनी और प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ बैठक रखी जिसमे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है. कलेक्टर सिंह ने बताया कि 1500 वाली व्यवस्था में बहुत ज्यादा भीड़ होने की वजह से पीछे वाले दर्शनार्थियों के दर्शन नहीं हो पाते थे. इसलिए रोजाना टिकट की तय संख्या में दिए जा रहे थे. लेकिन अब एक या दो दिन बाद से गर्भगृह में जाने वाले श्रद्धालुओं को सभी पुजारियों को चर्चा कर जल्द ही लोगो को बाहर किया जाएगा. गर्भगृह में फोटोग्राफी करने में समय अधिक लगता था. इसको देखते हुए गर्भगृह में फोटोग्राफी को प्रतिबंधित कर दिया है. इसमें सफलता मिलते ही जल्द ही 1500 की टिकट को अनलिमिटेड करने का भी विचार है.