उज्जैन। जिले में अंतरराष्ट्रीय सुजलाम जल महोत्सव सम्मेलन के उदघाटन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आने वाले समय में जल के महत्व और जल के दोहन को लेकर चिंता जाहिर की.सीएम ने कहा पेड़ पौधे हैं तो नदिया हैं. धरती, मिट्टी, जल, आकाश वायु का संतुलन बनाए रखना जरूरी है. इसका संतुलन बिगड़ा तो बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. तीसरा विश्व युद्ध भी पानी के कारण सम्भव है. मेरा झगड़ा सीए हाउस में काम करने वालों से बिजली बचाने को लेकर होता है. जहां जरुरत नहीं होती बिजली बंद करवा देता हूं. ये भी सोचते हैं केसा सीएम है. एक लट्टू के कारण झगड़ता है.
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धरती, जल, अग्नि, आकाश एवं वायु यह पांचों तत्व हैं और जब इन पांच तत्वों का संतुलन नहीं रहेगा तो धरती का संतुलन भी बिगड़ेगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी "सुजलाम्" में सहभागिता की।https://t.co/MMnibS9z52 https://t.co/T89tHWJGqE pic.twitter.com/1MCMcVZDHg
">धरती, जल, अग्नि, आकाश एवं वायु यह पांचों तत्व हैं और जब इन पांच तत्वों का संतुलन नहीं रहेगा तो धरती का संतुलन भी बिगड़ेगा।
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उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी "सुजलाम्" में सहभागिता की।https://t.co/MMnibS9z52 https://t.co/T89tHWJGqE pic.twitter.com/1MCMcVZDHgधरती, जल, अग्नि, आकाश एवं वायु यह पांचों तत्व हैं और जब इन पांच तत्वों का संतुलन नहीं रहेगा तो धरती का संतुलन भी बिगड़ेगा।
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600 से अधिक जलविद् हुए शामिल: उज्जैन में 3 दिवसीय जल संरक्षण पर केंद्रित सम्मेलन में विद्वान जल को बचाने तथा भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने सहित नदियों में सुख रहे स्रोत बर्फीले पहाड़ और हिमालय से निकलने वाली नदियों पर मंथन करेंगे. सुजलाम आयोजन में एमपी के 2 मंत्री मौजूद मंत्री उषा ठाकुर, मंत्री मोहन यादव साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद अनिल फिरोजिया के साथ अन्य नेता भी शामिल हुए.
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पंचमहाभूत की अवधारणा पर पर्यावरण का देशज विमर्श स्थापित करने हेतु आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ''सुजलाम्'' #Ujjain https://t.co/zLajMV16dI
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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नदियों को पुनर्जीवित करने पर मंथन: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, हम सब सुनते थे की आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज होगा, लेकिन देख लो आज हम अनुभव कर रहे. अगर 313 नदियों को पुनर्जीवित करना है. हमें तालाब से लेकर भूगर्भ के जल तक कार्य करना होगा. हम प्रकृति के जितने भी तत्व है इसके मालिक नहीं एक ट्रस्टी है. एक ट्रस्टी को किस तरह से इनसे ट्रीट करना चाहिए हमे पता होना चाहिए.
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मोहन भागवत होंगे शामिल: इस मौके पर शहर में देश का पहला 'जल स्तंभ' स्थापित किया जाएगा. पत्थरों से बनने वाले इस 13 फीट ऊंचे इस स्तंभ पर चारों वेदों की ऋचाओं को चांदी की कारीगरी से उकेरा जाएगा. इसके माध्यम से लोगों को जल संरक्षण का संदेश दिया. 29 दिसंबर को सम्मेलन के समापन समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बतौर अतिथि शामिल होंगे.