उज्जैन। महाकाल की नगरी में महाशिवरात्रि पर्व पर अयोध्या में जलाए गए 15.76 लाख दीपक का रिकॉर्ड टूटेगा. शिप्रा नदी किनारे शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के तहत 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे. एक ही जगह पर सबसे अधिक दीप जलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उज्जैन महाकाल की नगरी का नाम दर्ज किया जाएगा. जिसको लेकर शिप्रा नदी के घाटों पर वालंटियरों के जरिए दीप लगाने का कार्य अंतिम दौर में है.
जब महादेव बनेंगे दूल्हा, 21 लाख दीपों से जगमग होगी महाकाल की नगरी
एक बॉक्स में होंगे 225 दिएः शिप्रा नदी के क्षेत्र में घाटों पर 8000 से अधिक बॉक्स बनाए गए हैं. 225 दिए एक बॉक्स में लगाए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के लिए सोयाबीन तेल 52 हजार लीटर, वही 25 लाख रुई की बत्ती, और 600 किलो कपूर के साथ 4 हजार माचिस की व्यवस्था की गई है. इस पूरे कार्य में करीब 22 हजार वॉलियंटर सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधियों और आम लोगो का सहयोग लिया गया है. स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठक ने बताया कि हम 21 लाख दीप शिप्रा तट पर जलाएंगे. उज्जैन शहर को भी आकर्षक रूप से सजाया गया है. उज्जैन जिले का हर व्यक्ति इस महोत्सव का साक्षी बने. इस पूरे कार्यक्रम की तैयारी कर ली गई है.16 फरवरी से रामघाट पर दीप लगा दिए है.
दीप प्रज्ज्वलन के लिए 5 ब्लॉक बनेः शिप्रा नदी पर दीप प्रज्ज्वलन के लिए सम्पूर्ण घाटों में कुल 8625 ब्लॉक होंगे. जिन्हें पांच ब्लॉक में बांटा गया है. इसमें ‘ए’ ब्लॉक में केदारेश्वर घाट पर, ‘बी’ ब्लॉक सुनहरी घाट पर, ‘सी’ ब्लॉक दत्त अखाड़ा क्षेत्र में, ‘डी’ ब्लॉक रामघाट पर तथा ‘ई’ ब्लॉक भूखी माता की ओर दीपों का प्रज्ज्वलन किया जाएगा. एक ब्लॉक में 225 दीप दो वॉलेंटियर द्वारा प्रज्वलित किये जायेंगे. इस प्रकार एक सब-सेक्टर में 40 से 50 ब्लॉक होंगे तथा 100 के लगभग वॉलेंटियर्स होंगे. प्रति सौ वॉलेंटियर्स पर दो सुपरवाइजर लगाये जायेंगे. वॉलेंटियर्स को 10 मिनिट की समय-सीमा में दीये जलाकर पीछे हटना होगा. इसके बाद अगले पांच मिनिटों में ड्रोन से प्रज्वलित दीयों की फोटोग्राफी की जायेगी. यह समय अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा. अत: सभी वॉलेंटियर्स को समय-सीमा का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये गये हैं.