उज्जैन। शहर के भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित भगवान महाकाल के कोतवाल बाबा कालभैरव मंदिर में पहले पालकी का पूजना कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने किया. इसके बाद बाबा कालभैरव का पूजन किया. पूजन के बाद कलेक्टर ने अपने कंधे लगाकर सवारी में पालकी को आगे बढ़ाया. इसके बाद नगर के सेनापति नगर भ्रमण के लिए रवाना हुए. ये सवारी भैरवगढ़ का भ्रमण करते हुए सिद्धवट पहुंची. जहां पूजन-आरती की गई. सवारी में आसपास के गांवों के भक्त भी बड़ी संख्या में मौजद रहे.
आसपास के गांवों से भक्त पहुंचे : कालभैरव मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि परंपरानुसार डोल ग्यारस पर कालभैरव की सवारी निकलती है. नगर भ्रमण के दौरान सभी के कल्याण के लिए भगवान कालभैरव से प्रार्थना की जाती है. बाबा की प्रतिमा पालकी में विराजित कराने के बाद सवारी प्रारंभ होती है. सवारी के साथ पुलिस बल के सशस्त्र जवान, बैंड, ढोल, ध्वज, घोड़े, बग्घी के साथ ही बड़ी संख्या में भक्त भी शामिल थे. सोमवार शाम को बाबा कालभैरव की सवारी के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे.
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कैदियों ने भी किए दर्शन : सवारी मार्ग में पुष्प वर्षा कर बाबा महाकाल के सेनापति का स्वागत श्रद्धालुओं ने किया. सवारी केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पहुंची. यहां पर जेल प्रशासन द्वारा भगवान कालभैरव की अगवानी के लिए साज-सज्जा की गई. इस दौरान जेल सुपरीडेंट मनोज साहू ने पालकी में विराजित बाबा कालभैरव का पूजन कर आरती की. वहीं जेल गेट पर पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया. जेल के अंदर से ही बड़ी संख्या में कैदियों ने बाबा भैरवनाथ के दर्शन किए. यह परम्परा आदि काल से चली आरही है.