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उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय की नैक रेटिंग गिरी, MP के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव का NSUI ने किया ये हाल, देखें वीडियो

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Published : Oct 21, 2022, 9:15 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 9:32 PM IST

उज्जैन के विक्रमविश्वविद्याल परिसर में एनएसयूआई ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई ने सद्बुद्धि यज्ञ कर उनका पुतला दहन किया. नैक की एक रिपोर्ट में A ग्रेड से B++ का स्थान मिला है, जो छात्र हित में नहीं है. इसी को लेकर उन्होंने विरोध जताया है. (ujjain nsui protest) (nsui protest against higher education minister)

nsui protest against higher education minister
उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन

उज्जैन। शहर के कोठी रोड स्त्तिथ विक्रम विश्वविद्याल परिसर में एनएसयूआई का शुक्रवार को जमकर हंगामा देखने को मिला. एनएसयूआई, कांग्रेस नेताओं और छात्रों के साथ विश्वविद्यालय में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के लिए परिसर में ही सद्बुद्धि यज्ञ कर उनका पुतला दहन किया. (nsui protest against higher education minister)

उच्च शिक्षा मंत्री का एनएसयूआई ने फूंका पुतला: एनएसयूआई के प्रदेश सचिव हिमांशु शर्मा ने कहा कि, विक्रम विश्वविद्यालय को नैक की एक रिपोर्ट में A ग्रेड से B++ का स्थान मिला है, जो छात्र हित में नहीं है. उच्च शिक्षा मंत्री का गृह जिला होने के बावजूद विश्वविद्यालय एक पायदान नीचे गिर गया है, जिससे छात्र हित में मिलने वाली हर साल करोड़ों की राशि पर भी असर होगा. विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा को लेकर भी पूर्व में आरोप लगे हैं, जिससे विश्वविद्यालय का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. इसी को लेकर हम उच्च शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं और उनका पुतला फूंका है. (ujjain nsui protest)

उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन

कांग्रेस ने कराया सद्बुद्धि यज्ञ: कांग्रेस नेता राजेंद्र वशिष्ट ने कहा कि नैक की रिपोर्ट में एक पायदान नीचे आने से अब जो करोड़ों की राशि छात्र हित में मिलती थी विश्वविद्यालय को वह नहीं मिलेगी. विश्वविद्यालय में कई कोर्स हाल ही में शुरू किए गए, लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों को परेशानी हो रही है. कई तरह की अनियमितता और आए दिन आरोप विश्वविद्यालय पर लग रहे हैं जो चिंताजनक है, इसलिए हमने शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए सद्बुद्धि यज्ञ व पुतला दहन किया है.

MP में सांसद, विधायक का जमकर विरोध, जनता को नहीं मिला सवालों का जवाब, रोक दिया रीति पाठक का काफिला,

क्या है नैक जानिए यहां: दरअसल विक्रम विश्वविद्यालय को पांच साल पहले हुए नैक के मूल्यांकन के दौरान A ग्रेड मिली थी. अब मूल्यांकन वर्ष 2020 और 2021 का होना था, लेकिन कोविड के कारण एक साल का एक्सटेंशन मिल गया. इसके बाद हाल ही में नैक कराने का निर्णय विश्वविधालय ने लिया और उसके मूल्यांकन के बाद अब रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय 0.9 अंक से पिछड़ गया है. नैक टीम कॉलेज में शिक्षण सुविधाएं, नतीजे, इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉलेज का माहौल कैसा है इन सारे बिंदुयों पर निरीक्षण करती है. इसी आधार पर नैक की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करती है. इससे कॉलेज को सीजीपीए दिया जाता है और इसी के आधार पर ग्रेड जारी होते हैं. (ujjain nsui protest against mohan yadav)

उज्जैन। शहर के कोठी रोड स्त्तिथ विक्रम विश्वविद्याल परिसर में एनएसयूआई का शुक्रवार को जमकर हंगामा देखने को मिला. एनएसयूआई, कांग्रेस नेताओं और छात्रों के साथ विश्वविद्यालय में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के लिए परिसर में ही सद्बुद्धि यज्ञ कर उनका पुतला दहन किया. (nsui protest against higher education minister)

उच्च शिक्षा मंत्री का एनएसयूआई ने फूंका पुतला: एनएसयूआई के प्रदेश सचिव हिमांशु शर्मा ने कहा कि, विक्रम विश्वविद्यालय को नैक की एक रिपोर्ट में A ग्रेड से B++ का स्थान मिला है, जो छात्र हित में नहीं है. उच्च शिक्षा मंत्री का गृह जिला होने के बावजूद विश्वविद्यालय एक पायदान नीचे गिर गया है, जिससे छात्र हित में मिलने वाली हर साल करोड़ों की राशि पर भी असर होगा. विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा को लेकर भी पूर्व में आरोप लगे हैं, जिससे विश्वविद्यालय का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. इसी को लेकर हम उच्च शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं और उनका पुतला फूंका है. (ujjain nsui protest)

उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन

कांग्रेस ने कराया सद्बुद्धि यज्ञ: कांग्रेस नेता राजेंद्र वशिष्ट ने कहा कि नैक की रिपोर्ट में एक पायदान नीचे आने से अब जो करोड़ों की राशि छात्र हित में मिलती थी विश्वविद्यालय को वह नहीं मिलेगी. विश्वविद्यालय में कई कोर्स हाल ही में शुरू किए गए, लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों को परेशानी हो रही है. कई तरह की अनियमितता और आए दिन आरोप विश्वविद्यालय पर लग रहे हैं जो चिंताजनक है, इसलिए हमने शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के इस्तीफे की मांग करते हुए सद्बुद्धि यज्ञ व पुतला दहन किया है.

MP में सांसद, विधायक का जमकर विरोध, जनता को नहीं मिला सवालों का जवाब, रोक दिया रीति पाठक का काफिला,

क्या है नैक जानिए यहां: दरअसल विक्रम विश्वविद्यालय को पांच साल पहले हुए नैक के मूल्यांकन के दौरान A ग्रेड मिली थी. अब मूल्यांकन वर्ष 2020 और 2021 का होना था, लेकिन कोविड के कारण एक साल का एक्सटेंशन मिल गया. इसके बाद हाल ही में नैक कराने का निर्णय विश्वविधालय ने लिया और उसके मूल्यांकन के बाद अब रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय 0.9 अंक से पिछड़ गया है. नैक टीम कॉलेज में शिक्षण सुविधाएं, नतीजे, इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉलेज का माहौल कैसा है इन सारे बिंदुयों पर निरीक्षण करती है. इसी आधार पर नैक की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करती है. इससे कॉलेज को सीजीपीए दिया जाता है और इसी के आधार पर ग्रेड जारी होते हैं. (ujjain nsui protest against mohan yadav)

Last Updated : Oct 21, 2022, 9:32 PM IST
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