उज्जैन। सावन के पांचवें सोमवार पर सुबह से ही श्रद्धालु भगवान महाकाल की आराधना में लगे हुए हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. वहीं शाम 4 बजे बाबा महाकाल पांच रूप में नगर भ्रमण पर निकले और अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया. सभा मंडप में भगवान महाकाल की पालकी का विधि विधान से पूजन पाठ किया गया. इसके बाद जैसे ही पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची तो पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. सशस्त्र बल की टुकड़ियां भगवान महाकाल को सलामी देते हुए चल रही थीं. वही, आंगे-आगे भजन मंडली अभी ओम नम: शिवाय की धुन बजाते रही थी. भक्त भोलेनाथ की भक्ति में डूबे नजर आए.
उज्जैन में निकली महाकाल की भ्रमण यात्रा: श्रावण के पंचम सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले. सवारी के निकलने के पहले सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद भगवान की आरती की गई. पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया.
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मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय महाकाल के घोष के साथ पुष्प वर्षा की: उज्जैन में बाबा महाकाल चन्द्रमौलेश्वर के रूप में पालकी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले. पालकी जैसे ही महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार चन्द्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई. सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खड़े श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की. महाकाल की सवारी विभिन्न मार्गों से होते हुए शिप्रा के तट पहुंचती है जहां मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन हुआ. इसके बाद विभिन्न मार्गों से होते हुए सवारी महाकालेश्वर मंदिर लौट आई.