उज्जैन। शहर के अधिकांश मंदिरों में सनातनी ड्रेस पहनने को लेकर जोर दिया जा रहा है. जैन संत भी कई बार सनातनी ड्रेस का पालन करने के बारे में बोल चुके हैं. मंदिरों में ड्रेस कोड का पालन करने के लिए पोस्टर व बैनर लगाए जा चुके हैं. इन पोस्टर में सनातनी ड्रेस व मंदिर में दर्शन करने की गाइडलाइन लिखी है. इसके साथ ही मंदिर के पुजारी भी यहां आने वालों भक्तों के लिए सनातनी ड्रेस पहनकर ही आने का आग्रह कर रहे हैं. इसके बाद युवाओं ने मनमाने कपड़े पहनकर मंदिर आना बंद कर दिया है.
सेल्फी लेने के लिए भद्दे कपड़े : उज्जैन के श्मशान घाट स्थित दसभुज गणेश मंदिर में आने युवा अब ड्रेस कोड का पालन करने लगे हैं. यहां पर मंदिर के पुजारी ने गणेश चतुर्थी के दिन पोस्टर लगाया था कि यहां युवक व युवतियों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा. सनातनी ड्रेस में नहीं आने पर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इससे पहले युवा पीढ़ी धार्मिक स्थलों पर सेल्फी लेने के लिए फटे व कपड़े छोटे कपड़े पहन कर जाते थे. जिससे मंदिर की मर्यादा धूमिल होती थी. हालांकि दसभुजा मंदिर में पोस्टर लगाने का असर दिख रहा है.
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युवाओं को दी समझाइश : दस भुजा मंदिर के पुजारी हेमंत इंगले ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर हमने रोक लगाई थी, जिसके बाद कई लड़कियों ने नियम का पालन करना शुरू कर दिया. मंदिर के बाहर एक पोस्टर चस्पा है. हमने लड़कियों से मंदिर में सेल्फी नहीं लेने का भी आग्रह कर प्रतिबंधित किया है. युवतियों को कहा है कि वे मंदिर में भगवान गणेश के फोटो ले सकती हैं लेकिन मोबाइल से सेल्फी पर प्रतिबंध है. युवतियां सूट पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें. जो लड़किया जींस या स्कर्ट जैसे कपडे़ पहनकर मंदिर आती हैं, उनसे निवेदन कर अगली बार सनातन धर्म के अनुरूप कपड़े पहनकर आने को कहा जाता है.