उज्जैन। सावन के चौथे सोमवार पर भगवान महाकाल शाम 4 बजे अपनी प्रजा का हाल जानने मंदिर से निकले. वहीं, पुजारियों द्वारा पहले भगवान महाकाल की पालकी का मंदिर के सभा मंडप में पूजन पाठ किया गया. इसके बाद भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए. महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर पुलिस सशस्त्र बल की टुकड़ियों ने भगवान महाकाल को सलामी दी. वहीं, पुलिस बैंड ने ओम नमः शिवाय की धुन बजाकर और आगे-आगे घोड़ा सवार चल रहे थे.
महाकाल ने 4 स्वरूपों में दिए दर्शनः चौथे सोमवार पर नगर भ्रमण पर निकले बााबा महाकाल ने अपने भक्तों को 4 अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन दिए, जिसमें पालकी में चंद्रमौलेश्वर के रूप में दर्शन दिए तो वहीं, पीछे गरुड़ पर सवार शिव तांडव के रूप में दर्शन दिए, तीसरे दर्शन उमा महेश के रूप में दिए और चौथे हाथी पर सवार मन महेश के रूप में दर्शन दिए. इस अवसर पर भजन मंडली और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. वहीं, बाबा महाकाल की सवारी शिप्रा नदी के तट पर पहुंचती है, जहां भगवान महाकाल की सवारी का पूजा अभिषेक किया जाता है. इसके बाद दोबारा बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई जो विभिन्न मार्गों से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है.
लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के किए दर्शनः बाबा महाकाल की सवारी निकालने को लेकर विशेष समुदाय के एक युवक ने चैलेंज किया था और चैलेंज के बाद भगवान महाकाल के लाखों वक्त उज्जैन में सवारी में उपस्थित हुए और नजारा देख ऐसा लग रहा था जैसे की महाकाल की सेना महाकाल के साथ चल रही है. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए. वहीं, महाकाल की सवारी पर थूकने वाले के घर के सामने पोस्टर लेकर भक्त निकले, जिस पर लिखा था महाकाल उज्जैन की परंपरा बरकरार है.
गोपाल मंदिर पर आतिशबाजी के साथ बाबा महाकाल का स्वागतः वहीं, बजरंग दल के झंडे और तिरंगे झंडे से पूरा रंगारंग माहौल देखने को मिला. इसके साथ ही गोपाल मंदिर पर जबरदस्त आतिशबाजी के साथ बाबा महाकाल का राजाधिराज के सामने भव्य स्वागत किया गया. महिपाल की तय सीमा से 1 घंटे से अधिक समय से लेट पहुंची. वहीं, पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पक्के इंतजाम कर रखे थे. वहीं, ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जा रही थी.