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ठाट-बाट से निकली भाद्रपद माह की पहली सवारी, श्री चन्द्रमौलीश्वर ने भक्तों को दिए दर्शन, पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

बाबा महाकाल की भाद्रपद माह की पहली सवारी सोमवार को ठाट-बाट के साथ निकाली गई.

भाद्रपद माह की पहली सवारी
भाद्रपद माह की पहली सवारी
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Published : Aug 23, 2021, 7:59 PM IST

उज्जैन। बाबा महाकाल की भाद्रपद माह की पहली सवारी सोमवार को ठाट-बाट के साथ निकाली गई. महाकाल श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. साथ ही श्री मनमहेश ने हाथी पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए. ढोल, शहनाई, डमरू, झांझ आदि की धुन के साथ महाकाल की सवारी निकली. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया गया.

पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

महाकाल को दी गई सलामी

महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने पूजन संपन्न ‍करवाया. पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने किया. इसके पश्चात सभी ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया. जैसे ही पालकी मुख्य द्वार पर पहुंची होमगार्ड, पुलिस और एस.ए.एफ. के जवानों द्वारा भगवान को सलामी दी गई.

श्री चन्द्रमौलीश्वर ने भक्तों को दिए दर्शन
श्री चन्द्रमौलीश्वर ने भक्तों को दिए दर्शन

नगर भ्रमण पर निकले महाकाल

भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर की पालकी महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश मंदिर के सामने, रूद्रसागर, हरसिद्धि मंदिर के पास से, नरसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची. रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक हुआ. इसके बाद सवारी रामानुजकोट से होते हुए हरसिद्धी मंदिर के सामने पहुंची.

नगर भ्रमण के दौरान बाबा महाकाल, मां हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर भेंट करने पहुंचे. बड़ी संख्या में श्रद्धालू भी महाकाल और मां हरसिद्धी की भेंट का दृश्य देखने पहुंचे थे. इसके बाद आरती और जोरदार आतिशबाजी की गई. इसके बाद महाकाल की सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए वापस महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण आई. अब बाबा महाकाल की भाद्रपद माह की दूसरी सवारी 30 अगस्त को निकलेगी.

भाद्रपद माह की पहली सवारी
भाद्रपद माह की पहली सवारी

सबसे पहले बाबा महाकाल को क्यों बांधी जाती है राखी, 21 हजार लड्डुओं के भोग के साथ शुरु हुआ त्योहार

आकर्षक सजावट के बीच निकाली सवारी

सवारी मार्ग पर मंदिर समिति की तरफ से जगह-जगह पर सजावट की गई थी. महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान पूरे रास्ते पर फूलों और रंगों की सतरंगी रंगोली, आतिशबाजी, रंगबिरंगे ध्वज, छतरियों से सजाया गया. कोविड-गाइडलाइन के कारण सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहा.

बाबा महाकाल के ऑनलाइन दर्शन

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूयवंशी ने बताया कि, कोरोना के कारण श्रद्धालू बाबा की सवारी में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in, उज्जैन की सड़कों के किनारे लगी एल.ई.डी, फेसबुक, यू-ट्यूब और सभी स्थानीय चैनलों के माध्यम से श्रद्धालू महाकाल की सवारी का लाईव प्रसारण देख सकते हैं. इसके अतिरिक्त ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग, दान आदि की सुविधा भी उपलब्ध है.

उज्जैन। बाबा महाकाल की भाद्रपद माह की पहली सवारी सोमवार को ठाट-बाट के साथ निकाली गई. महाकाल श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. साथ ही श्री मनमहेश ने हाथी पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए. ढोल, शहनाई, डमरू, झांझ आदि की धुन के साथ महाकाल की सवारी निकली. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया गया.

पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

महाकाल को दी गई सलामी

महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने पूजन संपन्न ‍करवाया. पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने किया. इसके पश्चात सभी ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया. जैसे ही पालकी मुख्य द्वार पर पहुंची होमगार्ड, पुलिस और एस.ए.एफ. के जवानों द्वारा भगवान को सलामी दी गई.

श्री चन्द्रमौलीश्वर ने भक्तों को दिए दर्शन
श्री चन्द्रमौलीश्वर ने भक्तों को दिए दर्शन

नगर भ्रमण पर निकले महाकाल

भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर की पालकी महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश मंदिर के सामने, रूद्रसागर, हरसिद्धि मंदिर के पास से, नरसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची. रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक हुआ. इसके बाद सवारी रामानुजकोट से होते हुए हरसिद्धी मंदिर के सामने पहुंची.

नगर भ्रमण के दौरान बाबा महाकाल, मां हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर भेंट करने पहुंचे. बड़ी संख्या में श्रद्धालू भी महाकाल और मां हरसिद्धी की भेंट का दृश्य देखने पहुंचे थे. इसके बाद आरती और जोरदार आतिशबाजी की गई. इसके बाद महाकाल की सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए वापस महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण आई. अब बाबा महाकाल की भाद्रपद माह की दूसरी सवारी 30 अगस्त को निकलेगी.

भाद्रपद माह की पहली सवारी
भाद्रपद माह की पहली सवारी

सबसे पहले बाबा महाकाल को क्यों बांधी जाती है राखी, 21 हजार लड्डुओं के भोग के साथ शुरु हुआ त्योहार

आकर्षक सजावट के बीच निकाली सवारी

सवारी मार्ग पर मंदिर समिति की तरफ से जगह-जगह पर सजावट की गई थी. महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान पूरे रास्ते पर फूलों और रंगों की सतरंगी रंगोली, आतिशबाजी, रंगबिरंगे ध्वज, छतरियों से सजाया गया. कोविड-गाइडलाइन के कारण सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहा.

बाबा महाकाल के ऑनलाइन दर्शन

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूयवंशी ने बताया कि, कोरोना के कारण श्रद्धालू बाबा की सवारी में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in, उज्जैन की सड़कों के किनारे लगी एल.ई.डी, फेसबुक, यू-ट्यूब और सभी स्थानीय चैनलों के माध्यम से श्रद्धालू महाकाल की सवारी का लाईव प्रसारण देख सकते हैं. इसके अतिरिक्त ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग, दान आदि की सुविधा भी उपलब्ध है.

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