ग्वालियर: ऐसा माना जाता है कि पन्ना की धरती किसी को भी मालामाल कर सकती है, एक झटके में यहां मजदूर भी अमीर बन सकता है क्योंकि यहां हीरा की खदाने हैं. लेकिन प्रदेश के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई है खासकर ग्वालियर चंबल अंचल के लिए, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे से पता चला है कि खनिज संपदाओं से गुलजार चंबल में ग्वालियर और शिवपुरी के 35 गांवों की जमीन में हीरा होने की काफी ज्यादा संभावना है. अब इन जमीनों को खनन के लिए आवंटित किये जाने पर विचार किया जा रहा है, जिसको लेकर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने प्रशासन से जानकारी मांगी है.
सर्वे के बाद 35 गांव हुए चिह्नित
असल में पन्ना विंध्य माला का हिस्सा है और ग्वालियर क्षेत्र भी विंध्याचल पर्वत माला से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां के पहाड़ों और मिट्टी की गुणवत्ता भी ठीक पन्ना की मिट्टी जैसी ही है. इस बात को लेकर भारतीय भूविज्ञान सर्वेक्षण द्वारा ग्वालियर और आसपास के जिलों का जहां विंध्य पर्वतमाला का जुड़ाव है एक सर्वे किया गया था. जिसमें पाया गया है कि ग्वालियर और शिवपुरी की भूमि में हीरा होने की काफी संभावना है. इसके लिए दोनों जिलों के 35 गांव भी चिन्हित किए गए हैं.
ग्रामीणों को बेहतर भविष्य की जगी आस
ये सभी जानते हैं कि, ग्वालियर और शिवपुरी क्षेत्र खनिज संपदाओं से संपन्न है. जहां एक और यहां अच्छी गुणवत्ता की रेत उपलब्ध है तो वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न खनिज पाए जाते हैं. यहां आयरन, कांच के साथ-साथ लाल और सफेद पत्थरों की खदाने हैं और अब हीरा को लेकर भी जल्द खदानें आवंटित किए जाने की तैयारी है. जिसको लेकर इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को भी बेहतर भविष्य की तस्वीर नजर आ रही है.
'जीएसआई ने मांगी जमीनों की जानकारी'
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि "जीएसआई ने खनिज विभाग के द्वारा चिन्हित ग्वालियर और शिवपुरी क्षेत्र के इन 35 गांव की जमीनों की राजस्व और वन विभाग से जानकारी मांगी है कि ये जमीनें किसी अन्य प्रयोजन के लिए आरक्षित या आवंटित तो नहीं हैं." कलेक्टर की मानें तो "खनिज विभाग द्वारा मांगी गई जानकारी डायमंड ब्लॉक्स की नीलामी को लेकर है और जल्द इसकी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी."
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421 किमी का होगा नरवर डायमंड ब्लॉक
ग्वालियर और शिवपुरी के 35 गांव की जमीनों पर हीरा खनन के लिए जल्द खदानों के टेंडर जारी हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र का करीब 421 वर्ग किलोमीटर एरिया डायमंड ब्लॉक के लिए दिया जा सकता है. और इसे नरवर डायमंड ब्लॉक नाम दिया गया है. चिन्हित भूमि में ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र के ज्यादातर गांव की 100 प्रतिशत भूमि डायमंड ब्लॉक की लिए दी जाएगी. इधर भटारवाड़ क्षेत्र के लोढ़ी गांव में 2 फीसदी और रिछारी कला क्षेत्र में 1 फीसदी जमीन खदानों के रूप में आवंटित की जाएगी.