उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से उज्जैन महाकाल लोक का लोकार्पण कर देश की जनता को समर्पित किया है, तब से महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की संख्या 4 गुना बढ़ गई है. वहीं जबसे श्रद्धालुओं की संख्या अधिक हुई है तब से महाकालेश्वर मंदिर के दान में आने वाली राशि भी अधिक हो गई है. श्रद्धालुओं ने साल 2022 में दिल खोलकर दान किया है, तो वहीं वर्ष 2021 की अपेक्षा 2022 में महाकाल की आय दोगुनी हो गई. साल 2021 में कुल 22 करोड़ 13 लाख दान आया. जबकि वर्ष 2022 में दान बढ़कर दोगुना से भी ज्यादा हो गया. ये दान बढ़कर 46 करोड़ 51 लाख तक पहुंच गया है.
दान से बढ़ी आय: उज्जैन महाकाल मंदिर में 10 दिसंबर 2022 से 16 जनवरी 2023 तक प्रति शनिवार, रविवार, सोमवार के दौरान विभिन्न दान के माध्यम से कुल आय में सर्वाधिक आय 7,8,9 जनवरी को 78 लाख 66 हजार हुई है. इसी तरह प्रसाद से सर्वाधिक आय 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक दो करोड़ 58 लाख हुई है. दिसंबर और जनवरी के महीने में कुल आय दो करोड़ 73 लाख से अधिक और प्रसाद से कुल आय 4 करोड़ 60 लाख से अधिक रही है. उज्जैन महाकाल मंदिर में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या आए दिन बढ़ती जा रही है. शनिवार, रविवार, सोमवार को छोड़कर रोजाना करीब 15 से 20 हजार श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं. अब संख्या 60 से 70 हजार प्रतिदिन तक हो गई है. श्रद्धलुओं की संख्या बढ़कर करीब डेढ़ लाख से ढाई लाख तक पहुंच गई है. 2022 में श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर दान किया है. दान का कुल आंकड़ा 46 करोड़ 51 लाख तक पहुंच गया है.
महाकाल मंदिर में बढ़ी दान की राशि: महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि 11 अक्टूबर के बाद से दान में 60 से 70 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है. दो वर्षों के अंतिम तीन महीनों का ट्रेंड देखे तो जहां वर्ष 2021 के अक्टूबर नवम्बर दिसंबर तीन महीनों के दौरान 14 करोड़ का दान महाकाल मंदिर समिति को प्राप्त हुआ था. वहीं इसमें लड्डू प्रसादी शामिल नहीं है. इसी तरह वर्ष 2022 में अक्टूबर-नवम्बर-दिसंबर तीन महीनों के दौरान 22.50 करोड़ मंदिर को प्राप्त हुए हैं. इसमें शीघ्र दर्शन, नंदी हाल, पूजन, विभिन्न भेंट पेटी से आया दान शामिल है. हालांकि इसमें लड्डू प्रसादी शामिल नहीं है. वर्ष 2021 में मंदिर समिति को कुल दान 22 करोड़ 13 लाख मिला, तो वही वर्ष 2022 में मंदिर समिति को कुल दान 46 करोड़ 51 लाख मिला. महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि दुनिया भर में महाकाल का लड्डू प्रसादी प्रसिद्ध है. भक्त महाकाल मंदिर के दर्शन के बाद विभिन्न काउंटरों से महाकाल का प्रसाद अपने साथ जरूर ले जाते हैं 11 अक्टूबर से पहले रोजाना मंदिर से लड्डू प्रसादी की बिक्री करीब 25 से 30 क्विंटल रोजाना होती थी, ये अब बढ़कर प्रतिदिन 70 क्विंटल तक पहुंच गई है. हालांकि मंदिर समिति लड्डू प्रसादी नो प्रॉफिट में भक्तों को दे रही है.
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कुल आय प्रसाद से प्राप्त आय:
- 2022 दिसंबर-10,11,12 61 लाख 44 हजार 44 लाख 22 हजार.
- 2022 दिसंबर-17,18,19 70 लाख 882 52 लाख 19 हजार.
- 2022 दिसंबर-24, 25, 26 58 लाख 95 हजार 60 लाख 61 हजार.
- 31 दिसंबर,1 व 2 जनवरी 63 लाख 57 हजार 2 करोड़ 58 लाख.
- 2023 जनवरी-7, 8, 9 78 लाख 66 हजार 49 लाख 98 हजार.
- 2023 जनवरी-14,15,16 58 लाख 80 हजार 48 लाख 4 हजार.