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Ujjain Mahakaleshwar Temple: राजा के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार, भगवान ने मस्तक पर रजत से जड़े नाग देवता और आभूषण किया धारण - Darshan of Nandi Maharaj

उज्जैन भगवान महाकाल की भस्मारती में भांग और अविर चन्दन से श्रृंगार कर आज भांग स्व-राजा के रूप में श्रृंगार किया और मस्तक पर रजत से जड़े नाग देवता व आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. गुलाब के फूलों की माला और आभूषण धारण कराए गए.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
राजा के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार
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Published : Feb 7, 2023, 9:10 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे शुरू होने वाली भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय नजर आए.

स्व-राजा के रूप में श्रृंगार: भगवान महाकाल का भांग, अबीर,चन्दन से राजा के रूप में श्रंगार हुआ. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम शामिल रहे. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगते हैं. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाए गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

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12 बजे मंदिर के बाहर खड़े हो जाते हैं भक्त: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्मारती के लिए श्रद्धलु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं वैसे ही श्रद्धलुओं को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक कर दर्शन करने दिये जाते हैं. आखिर में महाकाल बाबा का पांडे, पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं.

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