उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण को लेकर 25 नवंबर 2021 को महाकाल मंदिर के सामने दुकानों को और मकानों को प्रशासन ने हटाया था. 9 दुकानदारों को प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि, महाकाल लोक में दुकान आवंटित की जाएगी. इसको लेकर दुकानदारों ने कोर्ट में एक्सपीडिशन दायर की थी. इसमें महाकाल लोक की दुकानों की नीलामी पर स्टे मिला. दुकानदारों ने कहा कि, लागत मूल्य की बात कही गई थी लेकिन अब प्रशासन नीलामी कर रहा है.
दुकानदारों ने दायर की थी याचिका: प्रभात शर्मा ने बताया कि, प्रशासन द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान दुकानों का अधिग्रहण के समय महाकालेश्वर मंदिर के सामने की दुकानें हटा दी थी. उस समय प्रशासन ने दुकानदारों को आश्वस्त किया था कि जब भी श्री महाकाल लोक में दुकानें बनाई जाएंगी तो जिसकी दुकानें हटाई गई हैं, उन्हें लागत मूल्य पर दुकानें दी जाएंगी. शर्मा ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि प्रशासन दुकानों की नीलामी कर रहा है. ऐसे में नीलामी प्रक्रिया के विरोध में दुकानदारों ने मिलकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिस पर उच्च न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए स्टे प्रदान किया था.
दुकानदारों को उच्च न्यायालय से मिला स्टे: दुकानदार ऋषभ यादव ने बताया कि, महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के दौरान 25 नवंबर 2021 को दुकानें हटाई गई थी. जिसमें 29 दुकानदार अधिक प्रभावित हुए थे, इनमें से 9 दुकानदारों ने याचिका दायर की थी. जिस पर न्यायालय ने स्टे प्रदान किया. जाहिर है कि न्यायालय का स्टे आने के बाद अब महाकाल लोक की दुकानों की नीलामी कार्यवाही रूकेगी.