उज्जैन। छह माह पहले भैरवगढ़ जेल में 15 करोड़ से अधिक का जीपीएफ घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था. जेल अधीक्षक सहित कई लोग घोटाले में सम्मिलित पाए गए थे और ये सभी आरोपी जेल में सलाखों के पीछे हैं. तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राज सहित कई प्रहरी, अकाउंटेंट व बाहरी सदस्यों को इस कांड में जांच टीम ने आरोपी बनाया है. कई कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि का गबन किया गया है. रविवार को केंद्रीय भेरूगढ़ जेल के बाहर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने परिवार के साथ धरना प्रदर्शन किया.
हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन : पीड़ित लोगों ने अपनी राशि शासन से लौटने की मांग की है. इन लोगों ने राशि नहीं मिलने पर आत्महत्या की धमकी दी है. रिटायर्ड कर्मचारियों और उनके परिजनों ने हाथों मे पोस्टर लेकर जेल के बाहर जमकर नारेबाजी. कर्मियों ने पोस्टर में लिखा कि बेटी की शादी के लिए हमारे हक की राशि का भुगतान करो, जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई, उन्हें तुरंत गिरफ्तार करो. वरना हमारे पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा. पीड़ितों ने कहा हमे जेल डीजी ने आश्वस्त किया था कि रिटारमेंट होते ही राशि मिल जाएगी. ढाई माह बीत गए रिटारमेंट को कुछ नहीं मिला.
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कई आरोपी अभी फरार : उज्जैन जेल के कर्मचारी रामचरण मिश्रा ने बताया कि जब यह कांड नहीं हुआ था, उसके पहले मुझे बेटी की शादी के लिए पैसा चाहिए था. जीपीएफ के लिए आवेदन भरा तो जेल के अकाउंटेंट आरोपी रिपुदमन ने कहा कि अभी किसी कारण से आपको पैसा नहीं मिल पा रहा है. आप परेशान मत होइए. एक काम कीजिए, मुझसे पैसा ले लीजिए. जब पैसा निकलेगा तो आप मुझे दे दीजिएगा. उसने पत्नी के जेवर गिरवे रखकर सारी राशि पुलिस वालों को सुपुर्द की है, जबकि कई ऐसे आरोपी अभी भी फरार हैं.