उज्जैन। भूतड़ी अमावस्या पर मंगलवार को उज्जैन से 14 किलोमीटर दूर कालियादेह महल पर भूतों का प्रसिद्ध मेला लगा. दरअसल, मान्यता है कि इस दिन यहां बने बावन कुंड में डुबकी लगाने से बुरी आत्माओं से निजात मिल जाती है. इसके चलते मंगलवार को सुबह से ही यहां लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था. इसके मद्देनजर प्रशासन और पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.
भूतड़ी अमावस्या पर लोगों की उमड़ी भीड़: मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु बावन कुंड में स्नान करने और भैरव महाराज के पूजन के लिए पहुंचे. स्थानीय लोग मानते हैं कि भूतड़ी अमावस्या पर इस कुंड में स्नान करने से रुके हुए काम भी बिना विघ्न के संपन्न हो जाते हैं. यह तिथि अगर मंगलवार को पड़े तो इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है. यह भी बता दें कि 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है. अगले 9 दिन तक देवी मंदिरों में पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ चलेगी. माता का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाएगा. उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर में भी चैत्र मास की नवरात्रि के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं.
मोक्ष की प्राप्ति होती है: पंडा चिंतामण गुरु ने बावन कुंड से संबंधित मान्यताओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'जिस पर बुरी आत्मा का साया होता है, वह अगर भूतड़ी अमावस्या के दिन एक बार बावन कुंड के सूर्य कुंड और ब्रहम कुंड में डुबकी लगा लेता है तो सारी बला टल जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्कन्द पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं और अपने शरीर से बुरी आत्मा को भगाने की कोशिश करते हैं.'