उज्जैन। कोरोना संक्रमण के चलते परिवार में हुई दो मौंतों के बावजूद डॉक्टर परिवार कोरोना वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बन गया. ट्रायल वैक्सीनेशन के खतरे को समझने के बाद भी इस परिवार ने ट्रायल वैक्सीन लगवाई. परिवार के चार सदस्यों ने नागदा से करीब 260 किमी दूर भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में सात दिसंबर को ट्रायल का टीका लगवाया. डॉ. सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि टीका लगने के बाद प्रतिदिन फोन से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है. इस दौरान आने वाले लक्षणों को भी नोट किया जा रहा है. 40 दिन बाद ट्रायल का दूसरा डोज लगाया जाएगा.
डॉ. सत्यनारायण शर्मा ने बताया जयपुर में रहने वाले उनके बड़े भाई वैद्य हरिशंकर शर्मा की 18 नवंबर को और दूसरे भाई डॉ. श्रीकृष्ण शर्मा की 19 नवंबर को कोरोना से मौत हो गई, जबकि न केवल दोनों भाई डाक्टर थे. बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्य भी जानेमाने डॉक्टर है. इसके बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और परिवार में 20 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए. डॉक्टर अनंत शर्मा इस घटना से इतने विचलित हो गए कि कुछ करने चाह में कोराना वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने का सोचा. रिश्तेदारों के मना करने के बावजूद फैसला लिया कि परिवार के सभी चार सदस्य एकसाथ कोरोना वैक्सीन लगवाने जायेंगे.
डॉ. सत्यनारायण ने बताया कि ट्रायल वैक्सीनेशन के दौरान शिक्षित लोगों की संख्या न के बराबर थी.टीकाकरण के लिए अधिकांश लोग गरीब बस्तियों से आए हुए थे. जब लोग इस ट्रायल व्यवस्था से डर रहे हैं. तो बाद में टीका लगवाने के लिए लोगों को कैसे तैयार किया जाएगा. इसलिए किसी न किसी तो आगे आना ही है. इसलिए परिवार के सदस्य वैक्सीनेशन लगवाने पहुंचे.