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बाढ़ से बेहाल एमपी! जलमग्न रामघाट के मंदिर, प्यास से तड़प रहा उज्जैन

उज्जैन में देर रात हुई बारिश से शिप्रा नदी उफान पर आ गई जिससे आसपास के इलाके के कई मंदिर जलमग्न हो गए. नदी उफान पर आने के बावजूद उज्जैन शहर पर जल संकट मंडरा रहा है.

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Published : Sep 16, 2021, 12:11 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 1:24 PM IST

उज्जैन। मानसूनी सीजन बीत जाने के बाद भी उज्जैन शहर जल संकट के मुहाने पर खड़ा है. मानसून (Monsoon in Ujjain) की बेरुखी के चलते जिले भर के नदी नाले डेम एवं तालाब सूखे हुए हैं. गंभीर डैम (Gambhir Dam) , जो कि शहरवासियों की प्यास बुझाता है, वह भी अब तक भर नहीं पाया है, जिसके चलते शहर में अब जलसंकट की स्थिति पैदा हो गयी है. शहरवासियों को प्रशासन द्वारा जलसंकट (Drinking Water Crisis Ujjain) की स्थिति से बचाने के लिए नर्मदा का जल सप्लाई (Narmada River Water Supply) करने की योजना बनाई जा रही है. यह योजना संकट की इस घड़ी में वरदान साबित हो सकती है. हालांकि देर रात से रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद शिप्रा नदी (Shipra River) उफान पर है. और कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं.

जलमग्न हुआ रामघाट.

चार बार शिप्रा नदी आई उफान पर
कुछ जिलों में मानसून की बेरुखी के चलते अब सूखे की स्थिति बनने लगी है. हालांकि इस बीच जुलाई से सितंबर माह के बीच हुई बारिश सामान्य स्तर 35 इंच तक नहीं पहुंच पायी है. उज्जैन में मानसूनी सत्र में चार बार शिप्रा नदी उफान पर भी आ चुकी है, जिसके कारण रामघाट (Ujjain Ramghat) पर कई बड़े छोटे मंदिर डूब गए. बीती रात से भी लगातार उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद शिप्रा नदी का छोटा पुल और मंदिर डूब गए. इसके बावजूद शहर में पीने का पानी घरों में एक दिन छोड़कर सप्लाई किया जा रहा है. मानसून की बेरुखी के कारण जिले के नदी और डैम सूखे पड़े हुए हैं.

12 घंटे में लगभग 60 एमसीएफटी पानी बढ़ा
शहर की प्यास भुजाने वाले डैम में सुबह 6.00 बजे तक 484 एमसीएफटी पानी ही जमा हो पाया था. जबकि कुल कैपेसिटी 2250 एमसीएफटी पानी की है. रात्रि में 12.10 पर यशवंत सागर डैम इंदौर का एक गेट 1.00 मीटर खोला गया था जो अभी तक चालू है. पिछले 12 घंटे में लगभग 60 एमसीएफटी पानी बढ़ गया है.

जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश
जिला प्रशासन द्वारा नर्मदा का पानी लाकर शहर वासियों की प्यास बुझाने की तैयारियां की जा रही हैं. जिला कलेक्टर (Ujjain District Collector) आशीष सिंह ने जिले के सभी स्टॉप डैम और बैराज के गेट बंद करने की कार्रवाई तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. गंभीर डैम के पानी चोरी होने की स्थिति में पुलिस ने पहरा लगाने की बात भी कही है. दरअसल, गंभीर डैम से सैकड़ों किसान अपनी खेती के लिए पानी लेते हैं. इसे देखते हुए गंभीर डैम का पानी पीने के लिए सरंक्षित रखने के पुलिस के पहरे लगाने का विचार कर रही है.

सरकार, सुन लो पुकार: अनाज, कपड़े बर्तन सब बह गए, सड़क और सरपंच तक सिमटा नेताओं का दौरा, बाढ़ के बाद Ground Reality

एनवीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक कर गंभीर डैम का दौरा किया जाएगा. जहां नर्मदा की पाइप लाइन खुलती है, वहां जाकर भी स्थिति देखी जाएगी. आने वाले समय में एनवीडीए द्वारा जल संकट की स्थिति बढ़ने पर नर्मदा का जल शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए मुहैया कराया जा सकता है.

आशीष सिंह, कलेक्टर, उज्जैन

उज्जैन। मानसूनी सीजन बीत जाने के बाद भी उज्जैन शहर जल संकट के मुहाने पर खड़ा है. मानसून (Monsoon in Ujjain) की बेरुखी के चलते जिले भर के नदी नाले डेम एवं तालाब सूखे हुए हैं. गंभीर डैम (Gambhir Dam) , जो कि शहरवासियों की प्यास बुझाता है, वह भी अब तक भर नहीं पाया है, जिसके चलते शहर में अब जलसंकट की स्थिति पैदा हो गयी है. शहरवासियों को प्रशासन द्वारा जलसंकट (Drinking Water Crisis Ujjain) की स्थिति से बचाने के लिए नर्मदा का जल सप्लाई (Narmada River Water Supply) करने की योजना बनाई जा रही है. यह योजना संकट की इस घड़ी में वरदान साबित हो सकती है. हालांकि देर रात से रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद शिप्रा नदी (Shipra River) उफान पर है. और कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं.

जलमग्न हुआ रामघाट.

चार बार शिप्रा नदी आई उफान पर
कुछ जिलों में मानसून की बेरुखी के चलते अब सूखे की स्थिति बनने लगी है. हालांकि इस बीच जुलाई से सितंबर माह के बीच हुई बारिश सामान्य स्तर 35 इंच तक नहीं पहुंच पायी है. उज्जैन में मानसूनी सत्र में चार बार शिप्रा नदी उफान पर भी आ चुकी है, जिसके कारण रामघाट (Ujjain Ramghat) पर कई बड़े छोटे मंदिर डूब गए. बीती रात से भी लगातार उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद शिप्रा नदी का छोटा पुल और मंदिर डूब गए. इसके बावजूद शहर में पीने का पानी घरों में एक दिन छोड़कर सप्लाई किया जा रहा है. मानसून की बेरुखी के कारण जिले के नदी और डैम सूखे पड़े हुए हैं.

12 घंटे में लगभग 60 एमसीएफटी पानी बढ़ा
शहर की प्यास भुजाने वाले डैम में सुबह 6.00 बजे तक 484 एमसीएफटी पानी ही जमा हो पाया था. जबकि कुल कैपेसिटी 2250 एमसीएफटी पानी की है. रात्रि में 12.10 पर यशवंत सागर डैम इंदौर का एक गेट 1.00 मीटर खोला गया था जो अभी तक चालू है. पिछले 12 घंटे में लगभग 60 एमसीएफटी पानी बढ़ गया है.

जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश
जिला प्रशासन द्वारा नर्मदा का पानी लाकर शहर वासियों की प्यास बुझाने की तैयारियां की जा रही हैं. जिला कलेक्टर (Ujjain District Collector) आशीष सिंह ने जिले के सभी स्टॉप डैम और बैराज के गेट बंद करने की कार्रवाई तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. गंभीर डैम के पानी चोरी होने की स्थिति में पुलिस ने पहरा लगाने की बात भी कही है. दरअसल, गंभीर डैम से सैकड़ों किसान अपनी खेती के लिए पानी लेते हैं. इसे देखते हुए गंभीर डैम का पानी पीने के लिए सरंक्षित रखने के पुलिस के पहरे लगाने का विचार कर रही है.

सरकार, सुन लो पुकार: अनाज, कपड़े बर्तन सब बह गए, सड़क और सरपंच तक सिमटा नेताओं का दौरा, बाढ़ के बाद Ground Reality

एनवीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक कर गंभीर डैम का दौरा किया जाएगा. जहां नर्मदा की पाइप लाइन खुलती है, वहां जाकर भी स्थिति देखी जाएगी. आने वाले समय में एनवीडीए द्वारा जल संकट की स्थिति बढ़ने पर नर्मदा का जल शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए मुहैया कराया जा सकता है.

आशीष सिंह, कलेक्टर, उज्जैन

Last Updated : Sep 16, 2021, 1:24 PM IST
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