उज्जैन। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल ने अपने भक्तों को 9 दिनों तक अलग-अलग रूपों में दर्शन दिए (Baba Mahakal became groom on Mahashivratri). महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. वहीं महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में 21 लाख दीप जलाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज हुआ है. महाशिवरात्रि पर 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन का लाभ लिया.
उज्जैन में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड: 44 घंटे लगातार भगवान महाकाल का दरबार खुला रहता है, इसमें साल में एक बार ही ऐसा होता है कि सुबह होने वाली भस्मारती नहीं होती है बल्कि वह भस्मारती 12:00 बजे प्रारंभ होती है और दोपहर 2:00 बजे तक चलती है. इसमें वीआईपी और जिन लोगों को परमिशन होती है, उन लोगों को ही दिन की भस्मारती में प्रवेश दिया जाता है. भस्म आरती का समापन होने के बाद महाशिवरात्रि पर्व का समापन हो जाता है.
3 किवंटल फूलों से सजा महाकाल का दरबार: महाशिवरात्रि पर भगवान महाकाल के 44 घंटे लगातार पट खुले रहते हैं. अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं. इस साल 7 लाख से अधिक श्रद्धलुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए. आज 19 फरवरी रविवार को महाकाल दूल्हा बनने के बाद बाबा के सेहरे की तैयारी के लिए खास फूलों की व्यवस्था की गई. महाकाल के दूल्हे के रूप में श्रृंगार के लिए 3 किवंटल फूल लगते हैं. जिसमें 100 किलो आंकड़े के फूल, सवा लाख बेल पत्र, 200 किलो देसी फूल से 11 फीट का सेहरा बनाया गया. बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल के आंगन को फूलों से सजाया जाता है. बेंगलोर, थाईलैंड और इंडोनेशिया के विशेष विदेशी फूलों से सजाने के लिए 5 से अधिक कारीगर बेंगलोर से हर साल आते हैं. बेंगलोर के रहने वाले कृष्ण रेड्डी हर साल बाबा महाकाल के दरबार को विदेशी और देशी फूलों से निशुल्क सजवाते हैं. उनका मानना है कि भगवान महाकाल का आशीर्वाद है इसलिए इस सेवा का मौका मिलता है.