उज्जैन। कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा है. रोजाना कई मरीज बीमारी से दम तोड़ रहे हैं. बाजार में इस समय रेमडेसिविर और मेरोपेनम इंजेक्शन की डिमांड बढ़ी है. जिसका लोगों ने फायदा उठाना शुरू कर दिया. लगातार दोनों ही इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है. इस बीच उज्जैन में साइबर टीम ने कार्रवाई करते हुए दो नर्स के साथ एक अन्य युवक को पकड़ा है. जिनके पास से पांच इंजेक्शन बरामद किए गए. इनमें से दो रेमडेसिविर और तीन मेरोपेनम इंजेक्शन शामिल हैं.
अस्पताल की नर्स कर रहीं थी कालाबाजारी
बताया जा रहा है कि जो दो नर्स पकड़ाई हैं, वह सरकारी अस्पताल में काम करती हैं. आरोपी नर्स राजश्री मालवीय और एकता मालवीय को साइबर की टीम ने रंगे हाथों कालाबाजारी करते पकड़ा है. इनके साथ एक युवक को भी पुलिस ने धार दबोचा, जिसका नाम मयूर सोलंकी है. मयूर ही दोनों नर्सो के लिए ग्राहक खोज कर लाता था. और फिर इंजेक्शन ज्यादा कीमत पर बेचता था. फिलहाल सभी आरोपी कोतवाली थाना पुलिस की गिरफ्त में हैं.
मरीजों को नहीं लगाती थीं इंजेक्शन
ये दोनों नर्स मरीजों को इंजेक्शन न लगाकर उन्हें अपने पास बचाकर रख लेती थीं. सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने जानकारी दी कि आरोपियों ने तीन इंजेक्शन 1 लाख रुपए में किसी को बेच दिए थे. चरक अस्पताल के कोविड वार्ड में काम करने वाली दोनों नर्स इस पूरी वारदात को अंजाम देती थीं.
जाल बिछाकर आरोपी को दबोचा: ग्राहक बनकर रेमडेसिविर खरीदने पहुंची पुलिस
पहले भी 8 लोग पकड़ा चुके
जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी नहीं थम रही है. इससे पहले 25 अप्रैल को उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने 8 लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा था. और अब तीन आरोपी और पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. सायबर टीम ने योजनाबद्ध तरीके से आरोपियों को पकड़ा था. इन्होंने 20-20 हजार रुपए में इंजेक्शन का सौदा किया था.