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शनि मंदिर में दस दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन, बटुकों ने निकाली सूर्य देव की सवारी

उज्जैन के शनि मंदिर में दस दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जिसमें सूर्य देव की सवारी बड़े ही धूमधाम से निकाली गई. इस मौके पर पौधारोपण भी किया गया.

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Published : Jan 16, 2020, 1:37 PM IST

Ten-day ritual organized at Shani temple in Ujjain
शनि मंदिर में दस दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन

उज्जैन। शहर के शनि मंदिर में मकर संक्रांति पर एक अनूठा अनुष्ठान शुरू हुआ है. जिसमें सूर्य देव की सवारी धूमधाम से ढोल-शंखों की ध्वनि के साथ 51 बटुक ब्राह्मण के साथ निकाली गई. सवारी में बटुकों ने सूर्य मंत्रों के उद्घोष सुनाए. साथ ही सवारी कृष्ण गुरूजी अंतरराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलर के सान्निध्य में निकाली गई. इसमें पौधारोपण भी किया गया.

शनि मंदिर में दस दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन

शनि मंदिर के आचार्य शैलेंद्र ने सूर्य को अर्घ्य देकर दस दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत की. यह अनुष्ठान 24 जनवरी तक चलेगा. इस दस दिवसीय अनुष्ठान में सूर्य और शनि के मंत्रों का जाप चलता रहेगा. हर दिन शनि प्रांगण में बनाई जाने वाली नवग्रह वाटिका में एक पौधारोपण होगा, जिसमें सूर्य का पौधा रोपित किया गया. वृक्षारोपण की शुरुआत और नवग्रह वाटिका का निर्माण कृष्णा गुरूजी सोशल वेलफेयर सोसायटी ने किया.

उज्जैन। शहर के शनि मंदिर में मकर संक्रांति पर एक अनूठा अनुष्ठान शुरू हुआ है. जिसमें सूर्य देव की सवारी धूमधाम से ढोल-शंखों की ध्वनि के साथ 51 बटुक ब्राह्मण के साथ निकाली गई. सवारी में बटुकों ने सूर्य मंत्रों के उद्घोष सुनाए. साथ ही सवारी कृष्ण गुरूजी अंतरराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलर के सान्निध्य में निकाली गई. इसमें पौधारोपण भी किया गया.

शनि मंदिर में दस दिवसीय अनुष्ठान का आयोजन

शनि मंदिर के आचार्य शैलेंद्र ने सूर्य को अर्घ्य देकर दस दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत की. यह अनुष्ठान 24 जनवरी तक चलेगा. इस दस दिवसीय अनुष्ठान में सूर्य और शनि के मंत्रों का जाप चलता रहेगा. हर दिन शनि प्रांगण में बनाई जाने वाली नवग्रह वाटिका में एक पौधारोपण होगा, जिसमें सूर्य का पौधा रोपित किया गया. वृक्षारोपण की शुरुआत और नवग्रह वाटिका का निर्माण कृष्णा गुरूजी सोशल वेलफेयर सोसायटी ने किया.

Intro:उज्जैन 10 दिनों तक चलेगा अनूठा अनुष्ठान उज्जैन के शनि मंदिर मेंBody:उज्जैन के शनि मंदिर में मकर संक्रांति पर एक अनूठा अनुष्ठान सुरु हुआ उज्जैन के शनि नव ग्रह मंदिर में देखने को मिला प्राचीन शनि नव ग्रह मंदिर उज्जैन त्रिवेणी पर है जहाँ हर ग्रह का अपना अलग भू ग्रह है ।सूर्य देव की सवारी धूमधाम से ढोल शंखों की ध्वनि के साथ 51 बटुकों ब्राह्मण के साथ निकाली गयी सवारी में बटुको ने सूर्य मंत्रो के उदघोष सुनाये सवारी कृष्णगुरुजी अंतरराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलर के सानिध्य में निकाली और पौधा रोपण किया गया।


Conclusion:उज्जैन 10 दिनों तक चलेगा अनूठा अनुष्ठान उज्जैन के शनि मंदिर के आचार्य शैलेंद्र ने सूर्य को अर्ध देकर शनि ग्रह मकर राशि में विराजित कर दस दिवसीय अनुष्ठान की शुरूरत की अनुष्ठान का संकल्प सिर्फ पिता पुत्र के संबंध में मिठास पुत्र में पिता के प्रति जिम्मेदारी का अहसास एवम ग्रहों की चाल से होने वाले दुष्परिणाम को रोकने का है।क्यों कि सूर्य और शनि आपस मे पिता पुत्र हो कर भी शत्रु होने का संदेश दे कर आपस मे मिलते है जिसका मकर संक्रांति एक उदाहरण है यहाँ अनुष्ठान 24 जन तक चलेगा क्यों कि 24 जन को पिता पुत्र का मिलन पुत्र की राशि मे 30 वर्ष बाद होगा इस दस दिवसीय अनुष्ठान में सूर्य शनि के मंत्रो का जाप चलता रहेगा।हर दिन शनि प्रांगण में बनाई जाने वाली नव ग्रह वाटिका में 1 पौधा रोपित होगा। सूर्य का पौधा रोपित किया गया कृष्णगुरुजी दस दिवसीय वृक्षरोपण की शुरुआत भी हुई।वृक्षारोपण की शुरुआत एवम नव ग्रह वाटिका का निर्माण कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा हुआ

कृष्णा गुरुजी द्वारा आवाहन किया गया कि सूर्य प्रकाश शनि अंधकार होने के बावजूद एक दूसरे का घर मे आना बंद नही करते ।हम इंसान छोटी छोटी बातों को मन में बिठा रिश्तों से दूरी बना लेते है ।उन्होंने निवेदन किया समाज से की पिता पुत्र या पुत्री के कमरे में या घर जा कर त्योहार को जीवंतता दे।
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