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दूसरों की जान बचाने वाले फरिश्ते ने खुद हारी जिंदगी की जंग

उज्जैन में कई लोगों की जिंदगी बचाने वाले एक तैराक की पानी में डूबने से मौत हो गई. वहीं सरकार ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात कही है.

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Published : Feb 25, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 8:00 PM IST

Family members imposed negligence on the district hospital.
परिजनों ने जिला अस्पताल पर लापरवाहीं का लगाया आरोंप.

उज्जैन। रामघाट पर शिप्रा नदी में डूबने से बुधवार दोपहर तैराक पंकज चावड़ा की मौत हो गई. मरने से पहले तैराक ने महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु मामी-भांजे को डूबने से बचाया था. लेकिन वह अपनी सांसों से हार गया. साथी तैराकों ने उसे नदी से निकाला और जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सक ने पंकज को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. महाकाल थाना पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव से 50 वर्षीय मंगलाबाई अपने 34 साल के भांजे हरिराम और परिवार के साथ महाकाल दर्शन करने के साथ शिप्रा नदी में स्नान करने आई थी.

परिजनों ने जिला अस्पताल पर लापरवाहीं का लगाया आरोंप.
  • तैराक की पानी में डूबने से मौत

रामघाट पर नहाने के दौरान पैर फिसलने से मंगलाबाई गहरे पानी में चली गईं. हरिराम को तैरना नहीं आता था, लेकिन मामी को बचाने के लिए नदी में कूद गया. शोर सुनकर 34 वर्षीय पंकज नदी में कूद गया और मामी-भानजे को बचा लिया. इस दौरान सांस फूलने से वह खुद ही नदी में रह गया.साथी तैराकों ने गोता लगाकर उसे निकाला. घाट पर कुछ देर साथियों ने उसके पेट से पानी निकालने का प्रयास किया. हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं सरकार ने पंकज के परिवार को चार लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

  • सीएम ने किया घटना को लेकर ट्वीट

रामघाट पर हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टवीट किया है. सीएम शिवराज ने ट्वीट में लिखा, स्व. पंकज चावड़ा के जज्बे की जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है. दुर्भाग्य से वे आज हमारे बीच नहीं हैं. अपनी बहादुरी से पंकज जी अनेक युवाओं को प्रेरित कर गए हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं, कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. मैं उनके परिवार के साथ हूं.

CM's tweet
सीएम का ट्वीट

उज्जैन। रामघाट पर शिप्रा नदी में डूबने से बुधवार दोपहर तैराक पंकज चावड़ा की मौत हो गई. मरने से पहले तैराक ने महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु मामी-भांजे को डूबने से बचाया था. लेकिन वह अपनी सांसों से हार गया. साथी तैराकों ने उसे नदी से निकाला और जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सक ने पंकज को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. महाकाल थाना पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव से 50 वर्षीय मंगलाबाई अपने 34 साल के भांजे हरिराम और परिवार के साथ महाकाल दर्शन करने के साथ शिप्रा नदी में स्नान करने आई थी.

परिजनों ने जिला अस्पताल पर लापरवाहीं का लगाया आरोंप.
  • तैराक की पानी में डूबने से मौत

रामघाट पर नहाने के दौरान पैर फिसलने से मंगलाबाई गहरे पानी में चली गईं. हरिराम को तैरना नहीं आता था, लेकिन मामी को बचाने के लिए नदी में कूद गया. शोर सुनकर 34 वर्षीय पंकज नदी में कूद गया और मामी-भानजे को बचा लिया. इस दौरान सांस फूलने से वह खुद ही नदी में रह गया.साथी तैराकों ने गोता लगाकर उसे निकाला. घाट पर कुछ देर साथियों ने उसके पेट से पानी निकालने का प्रयास किया. हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं सरकार ने पंकज के परिवार को चार लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

  • सीएम ने किया घटना को लेकर ट्वीट

रामघाट पर हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टवीट किया है. सीएम शिवराज ने ट्वीट में लिखा, स्व. पंकज चावड़ा के जज्बे की जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है. दुर्भाग्य से वे आज हमारे बीच नहीं हैं. अपनी बहादुरी से पंकज जी अनेक युवाओं को प्रेरित कर गए हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं, कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. मैं उनके परिवार के साथ हूं.

CM's tweet
सीएम का ट्वीट
Last Updated : Feb 25, 2021, 8:00 PM IST
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