उज्जैन। उज्जैन में गुरूवार शाम से आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, डॉक्टर्स और महिला एवं बाल विकास की टीम कंटेनमेंट क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे करेगी. यह कोरोना वॉरियर्स लोगों की जांच कर कोरोना संक्रमितों की पहचान करेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर मरीज को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया जाएगा. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि यह कदम कोरोना के खिलाफ एक तरह से सर्जिकल स्ट्राइक है. जिससे कि छुपे हुए कोरोना को खत्म किया जा सकेगा.
कलेक्टर ने कहा कि समाज सेवा करने के लिए मुस्लिम और बोहरा समाज के 25 डॉक्टर कंटेनमेंट क्षेत्र में सर्वेक्षण उपचार के अभियान में शामिल हो रहे हैं. वे घर-घर जाकर सर्वे कार्य में सहायता करेंगे. उन्होंने इन डॉक्टर्स की सराहना करते हुए कहा कि यह वे निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर हैं जो शासन से शुल्क के रूप में एक रुपया भी लेना नहीं चाहते हैं. वहीं कलेक्टर ने सर्वे टीम को आश्वस्त किया कि उनकी हर उचित समस्या का समाधान किया जाएगा. उन्हें सुरक्षा के लिए मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे. शर्त यह है कि बिना कोई बहाना बनाएं वे समर्पण भाव से इस सेवा कार्य में जुट जाएं. कलेक्टर ने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर कार्य में लापरवाही की या कार्य नहीं किया तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर ने जिले के क्षीर सागर स्टेडियम के कुश्ती एरीना में एकत्रित 250 से अधिक आशा कार्यकर्ता, शिक्षक, चिकित्सा कर्मी, आंगनबाड़ी, महिला एवं बाल विकास के कर्मचारियों में जोश भरते हुए कहा कि वे सर्वे कार्य के दौरान किसी तरह की चिंता ना करें. जहां भी जरूरत होगी जिला कलेक्टर उनके साथ खड़े रहेंगे. संकट के समय में यदि आप किसी एक व्यक्ति की भी जान बचाते हैं तो यह इससे बड़ा पुण्य कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों से मिलना जो अंदर ही अंदर डरे हैं, ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है. यह मुश्किल काम है लेकिन यह असंभव भी नहीं है. कलेक्टर ने कहा कि ऐसे लोगो से बार-बार मिलेंगे लोगों में प्रशासन के लिए विश्वास बढ़ेगा, जिससे कि उन्हें घरों से निकालकर अस्पताल तक पहुंचा पाएंगे और उनकी जान बचाई जा सकेगी.