उज्जैन। उत्तर प्रदेश का बदमाश विकास दुबे उज्जैन में महाकाल मंदिर से बड़े ही नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने पेश हुआ. महाकाल मंदिर में पेश होने की कहानी सुबह से लेकर शाम तक तीन बार बदली गई. वहीं यूपी पुलिस देर रात तक विकास दुबे को लेकर कानपुर रवाना हो गई. उसके बाद पुलिस कप्तान ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. लेकिन वो भी पत्रकारों के जवाब नहीं दे पाए और मामले में जांच की बात ही कहते रहे.
पुलिस के सामने सरेंडर हुए कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पुलिस गिरफ्तार बता रही है. इसके साथ ही आखिर वो कौन लोग थे, जिसने विकास दुबे को उज्जैन तक लाने में मदद की और उज्जैन में रुकने सहित महाकाल मंदिर तक ले जाने में सहयोग दिया. इन सभी सवालों का भी उज्जैन पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है. यहां देर शाम यूपी एसटीएफ को उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे सौंप दिया और उन्हें सशस्त्र बल के साथ सड़क मार्ग से कानपुर रवाना कर दिया.
कानपुर रवाना करने के बाद ही पुलिस कप्तान मनोज कुमार सिंह ने पत्रकारों से चर्चा की, यहां पत्रकारों ने विकास दुबे की उज्जैन पहुंचने के बारे में जानकारी मांगी तो पुलिस कप्तान कहने लगे कि ये मामला अभी जांच का विषय है. दिनभर पुलिस विकास दुबे से पूछताछ करती रही, लेकिन देर शाम तक उन्हें ये नहीं पता चला पाया कि विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा. खास बात तो ये थी कि पुलिस ने शराब कंपनी के पूर्व मैनेजर को और उसके परिवार के कुछ युवाओं को हिरासत में लिया था. यहां उस पर भी विकास दुबे को संरक्षण देने की बात सामने आई थी, लेकिन इस मामले में भी पुलिस कप्तान ने गोलमोल जवाब दिया और मामले की जांच होने की बात कही. इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस कप्तान का पत्रकारों को जवाब ना देना कहीं ना कहीं संदेह पैदा करता है, तो दूसरी ओर शाम होते-होते पुलिस की नई कहानियां भी संदेह के घेरे में आती हैं.
कई सवाल पुलिस के सामने खड़े होते हैं-
- विकास दुबे उज्जैन कब और कैसे पहुंचा
- विकास को आखिर पुलिस ने कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया
- इतनी सुरक्षा के बाद भी मंदिर में विकास दुबे कैसे प्रवेश कर गया
- उज्जैन में किसने विकास दुबे की मदद की
- तीन सुरक्षाकर्मियों को इनाम मिलना था उन्हें क्यों छुट्टी पर भेज दिया गया
- पुलिस के सूचना तंत्र का बड़ा फेलियर था