उज्जैन। विश्व भर में सावन माह की शुरुआत बड़े हर्षोल्लस के साथ हो चुकी है. बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन पर्व के पहले दिन अलसुबह हर रोज की तरह 03 बजे मंदिर के पट खोले गए. चूंकि कोरोना काल है ऐसे में श्रद्धालुओं कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने भस्म और शयन आरती के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा रखी है.
श्रद्धालु सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक ही बाबा के दर्शन लाभ ले सकते हैं. महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु की मानें तो सावन के पहले दिन भस्म आरती के दौरान पंडे पुजारियों ने बाबा को जल चढ़ाया. तत्पश्चात बाबा का दूध, घी, दही, शक्कर, शहद से पंचामृत अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद बाबा का भांग से विशेष श्रृंगार किया गया. फिर बाबा को भस्म रमाई गई. करीब 1 घण्टे तक चली भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन, फलों व वस्त्र से विशेष श्रृंगार किया गया. इस दौरान गणेश मंडपम, नंदी हॉल, कार्तिक हॉल श्रद्धालुओ के बिना अधूरे दिखाई दिए. मान्यता है सावन भगवान शिव का महीना होता है जिसमें मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है.
जानिए क्या रहेगी दर्शन व्यवस्था?
सावन महीने में हर रोज 7 स्लॉट में 5000 श्रद्धालुओं को प्री बुकिंग के माध्यम से बाबा महाकाल के दर्शन लाभ ले सकेंगे. साथ ही ऐसे श्रद्धालु जो प्री बुकिंग नहीं कारवा सके उनके लिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर 251 सशुल्क रसीद के माध्यम से दर्शन व्यवस्था रहेगी, मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धलुओं को वैक्सीन सर्टिफिकेट या 48 घण्टे के अंदर की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी होगी. वहीं सोमवार को व्यस्थाओ में खास बदलाव किये गए है* सोमवार को दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु सुबह 6 से 11 बजे तक व शाम 7 से 9 बजे तक ही प्री बुकिंग के माध्यम से दर्शन लाभ ले सकते है, सोमवार के दिन सवारी की तैयारियो को ध्यान में रखते हुए व अधीक संख्या के चलते निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है साथ ही सोमवार उओ सशुल्क 251 रसीद के माध्यम से भी दर्शन बंद रहेंगे।।
श्रावण-भाद्रपद माह के प्रत्येक सोमवार को प्रात: 11 बजे के बाद मन्दिर की ओर आने-जाने के मार्ग बन्द कर दिये जायेंगे. कोविड प्रोटोकाल के तहत तय किये गये नवीन सवारी मार्ग पर भी धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं. इसके तहत आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई.